रांची : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. मरांडी ने कहा कि कांग्रेस के राजकुमार को आज आदिवासी, दलित, पिछड़ों की याद आ रही है, लेकिन अब पछताये क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत. राहुल जितनी यात्रा कर सकते हैं कर लें, लेकिन जनता का विश्वास कांग्रेस से उठ चुका है.
कांग्रेस पार्टी तो आंदोलन का मोलभाव करती रही
मरांडी ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासी, दलित, पिछड़ों को केवल वोट बैंक समझा, इनके उत्थान की चिंता कभी नहीं की. अगर कांग्रेस पार्टी को आदिवासी विकास की चिंता होती तो अलग झारखंड राज्य का सपना पूरा करने के लिए भाजपा के सरकार की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती. कांग्रेस पार्टी तो आंदोलन का मोलभाव करती रही. दलितों का सम्मान कांग्रेस पार्टी कितना करती है यह तो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न कब मिला और किसने दिया इसी से पता चलता है.
पिछड़ा वर्ग आयोग वर्षों तक कांग्रेस के शासन में संवैधानिक दर्जा के लिए तरसता रहा
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू कश्मीर के दलित समाज ने आजाद भारत में दंश झेला, उसका जवाब कांग्रेस पार्टी को देना चाहिए. वर्षों तक जम्मू कश्मीर के पढ़े लिखे दलित युवक आरक्षण की सुविधा से वंचित रहे. उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग वर्षों तक कांग्रेस के शासन में संवैधानिक दर्जा के लिए तरसता रहा. मरांडी ने कहा कि ये सबके बावजूद कांग्रेस पार्टी आदिवासी दलित के हितैसी होने का डींग हांकना चाहती है.
भाजपा अंत्योदय के संकल्पों के साथ तेजी से आगे बढ़ रही है
मरांडी ने कहा कि भाजपा अंत्योदय के संकल्पों के साथ तेजी से आगे बढ़ रही है. भाजपा सरकार की योजनाएं आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित है, जिसे जनता महसूस कर रही है. प्रधानमंत्री आवास, जन धन योजना, आयुष्मान योजना, उज्जवला योजना, शौचालय निर्माण, पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी कल्याणकारी योजनाएं इन्हीं वर्गों को लाभान्वित कर रही हैं.
आज केंद्र सरकार में जनजाति समाज के आठ मंत्री हैं
उन्होंने कहा कि अटल जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने केवल अलग राज्य नहीं दिया, बल्कि केंद्र में अलग आदिवासी मंत्रालय बनाया. संथाली भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का कार्य अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने किया. आज मोदी सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली को नमन किया, जयंती को जनजाति गौरव दिवस घोषित किया. आज केंद्र सरकार में जनजाति समाज के आठ मंत्री हैं. यही कांग्रेस है जिसने देश की पहली आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने का विरोध किया. कांग्रेस के नेताओं ने राष्ट्रपति के सम्मान को अभद्र टिप्पणी से चोटिल किया.
मरांडी ने कहा कि कांग्रेस केवल तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार की पर्याय है. कांग्रेस काम तोड़ने की और बात जोड़ने की करती है, इसलिए जनता की नजरों से गिर रही है.