Upendra Kushwaha

उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश को आड़े हाथों लिया- पार्टी को गिरवी रख राजद के सामने कर दिया आत्मसमर्पण  

बिहार

विरासत बचाओ नमन यात्रा के तहत पश्चिम चंपारण के भितिहरवा आश्रम से यात्रा पर निकले राष्ट्रीय लोक समता दल के अध्यक्ष एवं भारत सरकार के पूर्व राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा अररिया के फारबिसगंज में आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पार्टी को गिरवी रख राजद के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.

बिहार में फिर से दिखने लगी लॉ एंड ऑर्डर की वास्तविकता

पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने पार्टी को गिरवी रख कर राजद के हाथों खुद को आत्मसमर्पण कर दिया है. जब आधा राजद शासन के अन्दर है, तब बिहार में फिर से लॉ एंड ऑर्डर की वास्तविकता दिखने लगी है.

जब नीतीश मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, तो साथ वाले का क्या हश्र होगा

उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि कल जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, तो उनके साथ रहने वाले लोगों का क्या हश्र होगा, वह झलक दिख रही है. उन्होने कहा कि पार्टी में रहते उन्होंने आईना दिखाने का काफी प्रयास किया, लेकिन जिन कारणों से उन्होंने पार्टी छोड़ी उन्हें कारणों को बताते हुए जदयू की नेत्री ने भी शुक्रवार को पार्टी छोड़ी है.

जदयू में दो चार लोग अपना उल्लू सीधा करने में लगे

उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जदयू में दो चार लोग हैं जो अपनी उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं और अब जदयू का अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया है. उन्होंने इसका मूल कारण नीतीश कुमार के बिहार को गलत रास्ते पर ले जाने का निर्णय बताया.इसी कारण से पार्टी की दुर्गति हो रही है.

लालू प्रसाद ने अपने ताकत का इस्तेमाल परिवार के लिए किया

कुशवाहा ने कहा कि समाजवादी विचारधारा से लैस जननायक कर्पूरी ठाकुर की जो विरासत थी. उस विरासत को बचाने के लिए ही 90 के दशक में लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन लालू प्रसाद ने अपने ताकत का इस्तेमाल आम जनों के लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए किया. जिसकी दुर्गति वह भुगत रहे हैं. समाजवादी विचारों के कारण ही लालू प्रसाद के राजद शासनकाल के बाद लोगों ने नीतीश कुमार पर अपना भरोसा जताया.

नीतीश कुमार के निर्णय से लोग दहशत में

लेकिन राजनीति के अंतिम समय में नीतीश कुमार के निर्णय से लोग दहशत में हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का पहले का कार्यकाल काफी अच्छा रहा, लेकिन अंतिम समय में लिए गए फैसले से जनता भयभीत और दहशत में है.

विरासत बचाओ नमन यात्रा का कारवां बढ़ रहा

अपने यात्रा के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि चंपारण के भीतहरवा आश्रम से यात्रा की शुरुआत की गई थी और लगातार विरासत बचाओ नमन यात्रा का कारवां बढ़ रहा है. उन्होंने यात्रा को आकर्षण और समर्पण के अपेक्षा ज्यादा मिलने की बात कहीं.

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