रामगढ़ : मोस्ट वांटेड अपराधी राहुल तुरी उर्फ आलोक के एनकाउंटर में मौत के बाद परिवार वालों ने उससे अपनी दूरी बना ली. राहुल के मामा गणेश तुरी भुरकुंडा ओपी क्षेत्र के कुर्से गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने सबसे पहले अपना पल्ला झाड़ा है. उन्होंने कहा कि भांजे राहुल से उसका कोई लेना देना नहीं है. ना ही उनकी बहन संगीता देवी और उनके बच्चों से उनका कोई लेना देना है. पुलिस जब उन्हें पोस्टमार्टम हाउस के पास बुलाई तो वे वहां पहुंचे और राहुल के परिवार वालों से अपना नाता तोड़ने की बात स्वीकार की. उन्होंने कहा कि वह ना तो राहुल तुरी का शव स्वीकार करेंगे और ना ही वह उसके अंतिम संस्कार में शामिल होंगे.
कहते हैं बेटा कितना बड़ा भी अपराधी हो, मां की ममता कम नहीं होती. बेटे की मौत की सूचना पाकर राहुल की मां संगीता देवी अपनी बहन के साथ रामगढ़ पहुंची. उन्होंने पोस्टमार्टम हाउस के बाहर जमीन पर बैठकर बिलखना शुरू किया. लेकिन उनका साथ देने वाला कोई नहीं था. मूल रूप से बालूमाथ की रहने वाली संगीता देवी वर्तमान में रांची जिले के खलारी क्षेत्र में रहती हैं. दूसरे के घरों में झाड़ू, पोछा और बर्तन धोकर वह अपना पेट पाल रही हैं. लेकिन जब बेटे की मौत की खबर उनके कानों में पहुंची, वह सब छोड़कर यहां आ गई. लेकिन उनके सामने एक बड़ी विडंबना यह थी कि उनके बेटे के अंतिम संस्कार में कोई भी शामिल होने को तैयार नहीं था. यहां तक की उनके गांव समाज के लोगों ने पहले ही उनका बहिष्कार कर रखा था. बिलखती हुई मां ने कहा कि बाप बेटे ने मिलकर पूरा परिवार बर्बाद कर दिया है. उनके तीन बच्चों की जिंदगी नर्क बन गई थी. राहुल तो चला गया, शेष दो बच्चों की जिंदगी अब पहाड़ की तरह ही कटेगी.
राहुल के शव का पोस्टमार्टम हो रहा था, तब मां तो पहुंच गई, लेकिन उसकी बहन बरखा और छोटा भाई सत्यम नहीं आया. उन दोनों ने भाई की हरकतों से परेशान होने की बात कह डाली. राहुल तुरी का बाप छोटन तुरी भी एक बड़ा अपराधी ही है. उसपर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. वर्तमान समय में छोटन तुरी भी जेल में बंद है. वह अपने मृत बेटे का मुंह भी नहीं देख सकता. इन सब के बीच रिश्तेदारों और समाज के लोगों ने भी इस परिवार से अपना नाता रिश्ता तोड़ लिया है.