रांची : झारखंड हाई कोर्ट में विधानसभा में नियुक्ति गड़बड़ी मामले में शिव शंकर शर्मा जनहित याचिका की सुनवाई गुरुवार को हुई. मामले में महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि एसजे मुखोपाध्याय आयोग की रिपोर्ट 15 दिसंबर से झारखंड विधानसभा के शुरू हो रहे हैं शीतकालीन सत्र में रखी जाएगी. इस पर फ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार को एसजे मुखोपाध्याय आयोग की रिपोर्ट के आलोक में समुचित निर्णय लेने का निर्देश दिया.
मामले की अगली सुनवाई जनवरी, 2024 के दूसरे सप्ताह में
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई जनवरी, 2024 के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की है. सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन एवं अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने पैरवी की. झारखंड विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की. पिछली सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि एसजे मुखोपाध्याय की रिपोर्ट राज्य सरकार को मिल चुकी है, अब आगे की कार्रवाई की जाएगी.
2021 के बाद से अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया
पूर्व में हाई कोर्ट ने विधानसभा सचिव से जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की रिपोर्ट मांगी थी. इस पर विधानसभा सचिव की ओर से बताया गया था कि यह रिपोर्ट जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय आयोग के पास है. रिपोर्ट उनसे मांगा गया है लेकिन जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की रिपोर्ट अब तक विधानसभा के पास नहीं पहुंची है.
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि मामले की जांच को लेकर पहले जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की अध्यक्षता वाली वन मैन कमिशन बनी थी, जिसने मामले की जांच कर राज्यपाल को वर्ष 2018 में रिपोर्ट सौंपी थी. इसके आधार पर राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को एक्शन लेने का निर्देश दिया था लेकिन वर्ष 2021 के बाद से अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है.