रांची : श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के पर्युषण महापर्व दिगम्बर जैन भवन, हरमू में चल रहा है. तेरापंथ धर्म संघ के महातपस्वी आचार्य श्रीमहाश्रमण जी के द्वारा भेजे गए उपासकद्वय स्वाध्यायी श्रीमान धर्मचंदजी बाफना एवं मोहनलालजी सामसुखा ने आज धर्मानुरागी भाइयों एवं बहनों संबोधित किया!. उपासक धर्मचंद बाफना ने आज तीसरे दिन की अराधना करते हुए अभिनव सामयिक का सामूहिक प्रयोग करवाया, जिसमे कुछ प्रतिभागियों ने भाग लिया.
सामायिक से मानसिक ऊर्जा का विकाश होता है
उपासको ने सामायिक दिवस के अवसर पर कहा कि सामायिक समता की साधना है, समता है तो जीवन मे सुख है, प्रसन्नता है, शांति भी है. बिना समता वाला व्यक्ति कलह व अशांति का जीवन जीता है, सामायिक श्रावक का नोवाँ व्रत है जो भगवान महावीर का दिया हुआ अमूल्य अवदान है. सामायिक से मानसिक ऊर्जा का विकाश होता है. आज के इस भाग दौड़ के दुनिया मे अति व्यस्त जीवन को संतुलित करने की एकमात्र दवाई है समता की साधना. मांगलिक के बाद प्रवचन समाप्त हुआ. पर्युषण पर्व के दौरान लोग तपस्या भी कर रहे हैं, आज विशाल दस्सानी के तेरह तथा विकाश नाहटा के तीन उपवास था.
मौके पर ये रहे उपस्थित
आज दोपहर में बच्चों के लिए ज्ञानशाला एवं शाम में धार्मिक भजन आदि का आयोजन किया गया. आज प्रवचन में जैन धर्म के सभी सम्प्रदायों के श्रावक अच्छी संख्या में उपस्थित थे. आज मुख्य रूप से अमरचंद बेंगाणी, जानकी दास बोहरा, महेंद्र बरमेचा, संजय सिंघी,मोहन लाल नाहटा, देव् चंद पींचा, मूल चंद सुराणा, ललित सेठिया, विशाल दस्सानी, रूबी बांठिया, प्रीती बोथरा, भावना बेंगाणी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.