झारखंड विस बजट सत्र में स्वीकृत की गयी राजस्व विभाग के 7.58 अरब की अनुदान मांग

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Ranchi : झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दौरान मंगलवार को भोजनावकाश के बाद राजस्व निबंधन और भूमि सुधार विभाग का 07 अरब 58 करोड़ 97 लाख 31 हजार रुपये की अनुदान मांग की स्वीकृति दी गई. इस दौरान विपक्ष सदन से अनुपस्थित रहा. इसलिए विपक्ष की ओर से लाया गया कटौती प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया. विपक्ष की ओर से अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव को विधायक आलोक कुमार चौरसिया ने रखा था.

जमीन के व्यावसायिक उपयोग पर सरकार लगाएगी टैक्स

विभागीय मंत्री दीपक बिरूआ ने कहा कि राज्य सरकार भूमि का व्यावसायिक इस्तेमाल करने पर टैक्स लगाने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि यह सही है कि राज्यों में दाखिल-खारिज कराने को लेकर समस्याएं हो रही हैं. इसे लेकर विभाग की ओर से अधिकारियों को कहा गया है कि दाखिल-खारिज का यदि कोई मामला का रिजेक्ट किया जाता है तो उस पर 50 शब्दों की टिप्पणी जरूर दें.

जीएम लैंड को किया जाएगा लैंड बैंक से बाहर

मंत्री ने कहा कि राज्‍य में पेसा कानून के तहत जमीन को संरक्षित करने का प्रयास राज्‍य सरकार कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रावधान था कि यदि कोई उद्योगपति अधिग्रहित जमीन का उपयोग नहीं करता है तो पांच वर्षों के भीतर उसे रैयत को लौटाने का प्रावधान था, जबकि भाजपा शासन के दौरान इस जमीन को भी लैंड बैंक में डाल दिया गया. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य के गोचर जमीन और गैरमजरूआ जमीन को लैंड बैंक में डाला गया है. इस जमीन को राज्यर सरकार लैंड बैंक से बाहर करने का प्रयास करेगी.

13 सीमावर्ती जिलों में बनेंगे चेक पोस्ट

मंत्री ने कहा कि सरकार सीमावर्ती 13 जिलों में चेक पोस्ट बनाएगी. इससे सरकार को एक हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी. वहीं मंत्री ने राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में हुई वृद्धि पर कहा कि सरकार सड़क सुरक्षा को स्कूलों की पाठ्य पुस्‍तकों में शामिल करेगी. ताकि अधिक से अधिक लोग इसे लेकर जागरूक हो सकें.

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