देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बना है : अर्जुन मुंडा

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रांची : केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण एवं जनजातीय कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा शुक्रवार को झारखंड राय विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज दीक्षांत समारोह से डिग्री प्राप्त कर निकलने वाले छात्रों से मैं कहना चाहूंगा कि इरादा आसमान छूने का हो, लेकिन पांव जमीन पर हो. उन्होंने कहा कि 2047 एक विकसित भारत का आह्वान है. उन्होंने कहा कि एक विकसित भारत जिसमें सभी के लिए अवसर होंगे.

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बना है. किसानों को सरकार की नई योजनाओं और तकनीक की जानकारी से भी अवगत कराने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने छात्रों से कहा कि आप कुछ भी जीवन में प्राप्त करें, कहीं भी कार्य करें, जीवन में सचेतना, संवेदना और सकारात्मकता को कभी नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जो बाजार में गुम हो जाता है उसे खोजा जा सकता है, लेकिन जो खुद में गुम हो जाए उसे खोजना मुश्किल होता है. भारत की सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों का सभी के जीवन में लाभ प्राप्त हो यह आवश्यक है.

विशिष्ट अतिथि के रूप में रिपब्लिक ऑफ नामीबिया टू इंडिया के हाई कमिश्नर गैब्रियल पी सिनिंबो ने दीक्षांत समारोह में शामिल छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना देते हुए कहा कि भारत संभावनाओं से भरा देश है. इसकी युवा शक्ति इसकी पूंजी है.

राज्यपाल के शिक्षा सलाहकार प्रो. ई बालागुरु स्वामी ने दीक्षांत समारोह में कहा कि भारत की प्राचीन ज्ञान और विज्ञान युक्त परंपरा बहुत समृद्ध है. भारत के युवा प्रचुर मात्रा में क्षमता रखते हैं. भारत एक तीव्र गति से आगे बढ़ने वाला देश बन चुका है. उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए कहा कि आप देश के साथ विदेश में भी कहीं काम करें, राष्ट्र प्रथम की भावना और इस ध्येय को आगे रखते हुए कार्य करें.

झारखंड राय विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. हरबिन अरोड़ा राय ने कहा कि छात्रों यहां से जाने के बाद सोचना है कि आपका जीवन कैसा होना चाहिए. आप जहां भी जाएं अपनी संस्कृति को साथ लेकर जाएं. यह आपकी एक पूंजी है.

विश्वविद्यालय के जेयूटी सभागार में 575 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई. समारोह में दो छात्रों को चांसलर अवार्ड एवं 17 को गोल्ड मेडल, 44 शोध छात्रों को पीएचडी की उपाधि और तीन छात्रों को एमटेक की डिग्री मिली. दीक्षांत समारोह के दौरान तीन को मानद पीएचडी की उपाधि भी प्रदान की गई. स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले 325, स्नातकोत्तर की उपाधि पाने वाले 93 जबकि डिप्लोमा के 43 छात्रों को डिग्री दी गई.

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