रांची : केन्द्रीय बजट पर व्यवसायी वर्ग ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे देश के विकास की ओर ले जानेवाला बताया है. व्यावसायिक संगठन के लोगों ने कहा है कि बजट से रोजगार का सृजन होगा. मध्यम आयवर्ग वाले को राहत दी गयी है.
बजट को तर्कसंगत बनाये जाने पर ध्यान केंद्रित : धीरज तनेजा
धीरज तनेजा ने कहा कि बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, हाउसिंग, कृषि क्षेत्र, स्वच्छ उर्जा और आयकर श्रेणियों को तर्कसंगत बनाये जाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. सरकारी पूंजी व्यय पर शत प्रतिशत वृद्धि से रोजगार का सृजन होगा. आयकर स्लैब में बढोत्तरी से मध्यम वर्ग को बडी राहत दी गयी है.
घर खरीदनेवालों के लिए राहत भरी खबर : रोहित अग्रवाल
बिल्डर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष व चैम्बर के कार्यकारिणी सदस्य रोहित अग्रवाल ने कहा कि पीएम आवास योजना के बजट में 66 प्रतिशत की बढोत्तरी घर खरीदनेवालों के लिए राहत भरी खबर है. म्युनिसिपल बांड की घोषणा से निगम के प्रति लोगों का भरोसा बढेगा. आवासीय गृह में किये गये निवेश पर पूंजीगत लाभ में कटौती का प्रस्ताव स्वागतयोग्य है. इसी प्रकार सस्ते मकानों के निर्माण पर टैक्स में छूट की अवधि एक साल बढाने से रियल एस्टेट समूह सस्ते मकानों के निर्माण में दिलचस्पी दिखायेंगे.
सरकारी निवेश से अर्थव्यवस्था गतिशील होगी : नवजोत अलंग
डीआयूसीसी सदस्य नवजोत अलंग ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में बढे सरकारी निवेश से अर्थव्यवस्था गतिशील होगी तथा लघु एवं मध्यम उद्योगों को लाभ होगा. रेलवे को 2.4 लाख करोड रू0 का रिकार्ड आवंटन स्वागतयोग्य है. 2013 के फंड से यह 9 गुणा ज्यादा है. हमें उम्मीद है कि झारखंड को इस आवंटन का लाभ जरूर दिया जायेगा.
मध्यम वर्ग को कई सौगातें : प्रवीण जैन छाबडा
प्रवीण जैन छाबडा ने कहा कि बजट के माध्यम से युवाओं, महिलाओं से लेकर मध्यम वर्ग को कई सौगातें दी गयी हैं. बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, मैनुफैक्चरिंग, डिजिटल और सामाजिक विकास शामिल है. कैपिट एक्सपेंडिचर में बढोत्तरी से कंस्ट्रक्शन सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में ग्रोथ आयेगा. टैक्स रिफॉर्म्स से एक ओर जहां वेतनभोगियों को बडी राहत मिली है वहीं उडान योजना के तहत 50 नये हवाई अड्डे खोलने की घोषणा स्वागतयोग्य है.
संतुलित और आर्थिक विकास परक बजट : श्याम सुंदर अग्रवाल
व्यवसायी श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि वित्तीय रूप से संतुलित और आर्थिक विकास परक बजट को विवेकपूर्ण तरीके से डिकोड किया गया है. बजट में बुनियादी ढांचे के विकास पर अधिक जोर दिया है जिसका प्रभाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों पर भी होगा.
बजट में सबकी चिंता : संजय अखौरी
जेसीपीडीए अध्यक्ष संजय अखौरी ने कहा कि बजट में व्यापारी, मध्यम वर्ग, जनजातीय वर्ग के साथ ही रोजगार सृजन की चिंता की गयी है. कस्टम ड्यूटी, सेस, सरचार्ज दर में बदलाव के साथ ही टैक्स स्लैब में बदलाव करके करोडों वेतनभोगियों को फायदा दिया गया है. कमर्शियल विवाद के निपटारे के लिए विवाद से विश्वास योजना-2 की घोषणा के साथ ही टूरिज्म व इंफ्रास्ट्रक्चर डेवपलमेंट पर फोकस किया जाना स्वागतयोग्य है.
बजट में सभी का ख्याल रखा : मनोज नरेडी
पूर्व अध्यक्ष मनोज नरेडी ने कहा कि वित्त मंत्री ने युवाओं से लेकर किसानों तक, इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर शिक्षा तक और टैक्सपेयर्स समेत सभी का ख्याल रखा है. 33 प्रतिशत तक के विशाल बुनियादी ढांचे के निवेश का सभी उद्योगों पर व्यापक प्रभाव पडेगा, अधिक रोजगार प्रदान करेगा और इससे अर्थव्यवस्था में धन का संचलन बढेगा. इन्कम टैक्स के स्लैब में छूट से कंज्यूमर प्रोडक्ट का व्यापार बढेगा और फैक्ट्रियों में मांग बढेगी. बजट में वित मंत्री ने किसी प्रकार का नया टैक्स नहीं लगाकर, आयकरदाताओं को बडी राहत दी है.
ओवरआल सुंदर बजट : पवन शर्मा
पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि ओवरआल सुंदर बजट है. इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण, बुजुर्गों का सम्मान व टैक्स रिफॉर्म्स का निर्णय स्वागतयोग्य है. रेलवे को 2.4 लाख करोड रू0 का रिकार्ड आवंटन अच्छा प्रयास है. हम चाहेंगे कि इस योजना का लाभ झारखण्ड को भी मिले.
प्रगतिशील बजट : विनय अग्रवाल
पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने कहा किप्रगतिशील बजट है. राजकोषीय घाटा कम होने से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी. टैक्स स्लैब में छूट से वेतनभोगी वर्ग और करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है. रेलवे में सुधार स्वागत योग्य कदम है.
झारखंड के टूरिज्म डेवलपमेंट की उपेक्षा : राहुल साबू
कार्यकारिणी सदस्य-FJCCI सह अधिवक्ता झारखंड उच्च न्यायालय राहुल साबू ने कहा कि झारखंड में टूरिज्म डेवलपमेंट की अपार संभावनाओं को देखते हुए बजट में प्रापर बजटीय एलोकेशन की आवश्यकता थी जिसकी बजट में उपेक्षा की गई है. हमें उम्मीद थी कि झारखण्ड राज्य में टूरिज्म उत्थान के लिए स्पेशल पैकेज की घोषणा की जायेगी. न्याय हर अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे, ये हमारा मौलिक अधिकार है. केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का डि-सेट्रलाइजेशन करना चाहिए था जिससे आम आदमी के पहुँच में न्याय व्यवस्था होती. बजट में इस संबंध में कोई योजना नहीं दिखाई गयी जिससे अधिवक्ता समाज में निराशा है.