चांडिल की स्वर्णरेखा नदी में डूबे तीसरे युवक का शव भी बरामद, सभी मृतक एक ही परिवार के सदस्य
सरायकेला, 28 अक्टूबर । झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला में छठ पूजा के दौरान चांडिल में हुए हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। यहां नदी में डूबने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गयी है। पुलिस ने शवों के कब्जे में लेकर पोस्टमार्ट के लिए भे्ज दिया है।
पुलिस के अनुसार सोमवार की शाम स्वर्णरेखा नदी के शहरबेड़ा छठ घाट पर संध्या अर्घ्य के समय तब श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी मच गई, जब एक नाबालिग बालक समेत तीन लोग नदी के पानी में डूब गए। लगातार दो दिनों तक चले राहत-बचाव अभियान के बाद मंगलवार को शाम में तीनों के शव बरामद कर लिए गए। मृतकों की पहचान आदित्यपुर निवासी संजय यादव, प्रतीक यादव और डिमना बस्ती के नाबालिग आर्यन यादव के रूप में की गई है। सभी एक ही परिवार के हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, डिमना बस्ती का रहने वाला आर्यन यादव अर्घ्य देने के दौरान नदी के गहरे हिस्से में चला गया। बच्चे को बचाने के लिए आदित्यपुर निवासी संजय यादव और प्रतीक यादव तुरंत नदी में कूद पड़े, लेकिन तेज़ बहाव और गहराई के कारण वे भी नदी से बाहर नहीं आ सके। देखते ही देखते घाट पर अफरा-तफरी मच गई।
स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद चांडिल थाना पुलिस, एनडीआरएफ टीम और स्थानीय गोताखोर मौके पर पहुंच गए और बचाव अभियान शुरू किया। सोमवार देर रात आर्यन का शव बरामद कर लिया गया, जबकि मंगलवार सुबह संजय यादव का शव बाहर निकाला गया। तीसरे युवक प्रतीक यादव की तलाश मंगलवार शाम तक जारी रही। अंततः स्थानीय गोताखोरों की मेहनत रंग लाई और उन्होंने प्रतीक का शव भी नदी से निकाल लिया।
चांडिल पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी विकास राय, थाना प्रभारी दिलशन बिरुआ समेत पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर मौजूद था।
जिला प्रशासन ने बताया कि छठ पर्व को लेकर पहले से ही व्यापक तैयारी की गई थी। उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक मुकेश लुनायत ने जिले के सभी घाटों का निरीक्षण किया था। चांडिल क्षेत्र सहित प्रमुख घाटों पर ‘खतरा क्षेत्र’ (डेंजर जोन) के बोर्ड लगाए गए थे, साथ ही लगातार माइकिंग कर लोगों से अपील की जा रही थी कि वे गहरे पानी में न उतरें। पुलिस बल, गोताखोर और स्वास्थ्य कर्मियों की भी तैनाती की गई थी।
इसके बावजूद कुछ श्रद्धालुओं ने चेतावनी की अनदेखी करते हुए निर्धारित सीमा से आगे बढ़ गए, जिससे यह हादसा हुआ। प्रशासन ने कहा है कि अगर लोग एहतियात बरतते, तो यह त्रासदी टल सकती थी। जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में केवल चेतावनी देने तक सीमित नहीं रहा जाएगा, बल्कि जो लोग सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
