Sarla- Birla

सरला बिरला विवि  में “यूथ एंड नेशनल डेवलपमेंट” पर टॉक, डॉ सैमसंग ने दिए व्याख्यान

राँची

रांची : सरला बिरला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर गोपाल पाठक की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बोर्ड रूम में “यूथ एंड नेशनल डेवलपमेंट” शीर्षक पर इंटरनेशनल एक्सपर्ट टॉक का आयोजन किया गया. जिसमें भारतीय विश्वविद्यालय संघ के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ सैमसंग डेविड ने बड़े ही सहज, रोचक, प्रेरक तथा उत्साहवर्धन व्याख्यान दिया.

डॉ सैमसंग ने युवा शक्ति की सकारात्मक सोच व उपयोगिता पर चर्चा की

डॉ सैमसंग डेविड ने व्याख्यान में युवा के अर्थ,  महत्व एवं युवा शक्ति के सकारात्मक सोच व उपयोगिता की चर्चा की. साथ ही राष्ट्र के सिद्धांत एवं संस्कृति की चर्चा करते हुए हिंदुस्तान यानी भारतवर्ष के बारे में अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए. उन्होंने संविधान की विस्तृत चर्चा करते हुए जनतांत्रिक परंपराओं के महत्व की भी चर्चा की साथ ही विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में युवाओं की भूमिका पर भी सविस्तार पर प्रकाश डाला.

राष्ट्रगान के असली अर्थ को भी समझाया

उन्होंने कहा कि भारत के अधिकांश लोग राष्ट्रगान के असली अर्थ को भलीभांति नहीं समझते, उन्होंने राष्ट्रगान के असली अर्थ को भी समझाया. उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालय आयोग द्वारा वर्ष भर चलने वाली विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारियां साझा करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना, नेहरू युवा केंद्र, यूनिफेस्ट, साउथ एशिया यूनिवर्सिटी यूथ फेस्टिवल, यूथ लीडरशिप कैम्प, युवा अफेयर्स एवम खेल मंत्रालय आदि के बारे में विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि युवाओं को इस क्षेत्र में भी बढ़ चढ़कर सहभागी होना चाहिए.

हॉलिस्टिक एजुकेशन की भी बात की

उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अपेक्षित हॉलिस्टिक एजुकेशन की बात की. साथ ही उन्होंने क्रिएटिविटी एंड क्रिएटिव थिंकिंग, एथिकल एंड कांस्टीट्यूशनल वैल्यूज, इंपॉर्टेंस ऑफ एंपैथी यानि समानुभूति आदि के बारे में उदाहरणों के साथ अपने उद्गार व्यक्त किए.

समग्र विकास करना होगा, केवल किताबी ज्ञान का नहीं

विकास की अवधारणा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि विकास करना है, तो व्यक्तित्व का समग्र विकास करना होगा, केवल किताबी ज्ञान का नहीं. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर गोपाल पाठक ने कार्यक्रम की सफलता पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि युवाओं को केवल किताबों तक सीमित ना रखते हुए उनकी प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए सभी प्रकार के अवसर उपलब्ध कराने होंगे, तभी उनका समग्र विकास संभव है.

प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों द्वारा प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने सभी प्रश्नों का बहुत ही तार्किक एवं विश्लेषणात्मक ढंग से उत्तर देते हुए सत्र को काफी रोचक बनाया.

एक्सपर्ट टॉक में हुए शामिल

इस एक्सपर्ट टॉक में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर विजय कुमार सिंह, डॉ संदीप कुमार, प्रो एसबी दंडीन,  हरी बाबू शुक्ला, डॉ पार्थ पॉल, डॉ राधा माधव झा, डॉ अशोक कुमार अस्थाना, डॉ विश्वरूप सामंता, डॉ सुबानी बाड़ा, प्रो अमित गुप्ता, डॉ पूजा मिश्रा, डॉ रिया मुखर्जी, डॉ नित्या गर्ग, प्रो आदित्य विक्रम वर्मा, डॉ प्रियंका श्रीवास्तव, डॉ भारद्वाज शुक्ला, डॉ पिंटू दास, डॉ नीतू सिंघी, डॉ आरोही आनंद, चन्द्रशेखर महथा, अनुभव अंकित, आदित्य रंजन,  उमंग उत्सव, आशीष सहित सभी प्राध्यापक, पदाधिकारी एवं छात्र छात्राएं शामिल हुए.

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