शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों को सुप्रीम कोर्ट का झटका, याचिका पर सुनवाई से इनकार

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर अवरोधों को हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया. जस्टिस सूर्यकांत और मनमोहन की पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले से ही एक जनहित याचिका लंबित है और इसमें कुछ पहल की गई है, इसलिए इस पर अलग से सुनवाई की आवश्यकता नहीं है. याचिकाकर्ता गौरव लूथरा ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार और पंजाब व हरियाणा सरकार से हाईवे खोलने और अवरोधों को हटाने का आदेश देने की मांग की थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि बॉर्डर बंद करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और यह राष्ट्रीय हाइवे एक्ट और BNS के तहत अपराध भी है. उन्होंने हाईवे जाम करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया था.

किसानों का दिल्ली कूच स्थगित

शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हजारों किसानों ने दिल्ली कूच करने का योजना बनाई थी, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक लिया. पहले किसानों को चाय और बिस्किट देकर लौटने की अपील की गई, लेकिन जब वे नहीं माने तो सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे, जिससे कुछ सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए. इसके बाद किसानों ने दिल्ली कूच का इरादा छोड़ दिया.

कांग्रेस नेताओं का बयान

कांग्रेस सांसद और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि किसान केवल एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार का रवैया ठीक नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों पर लाठीचार्ज कर रही है और उन्हें दिल्ली जाने नहीं दे रही. वड़िंग ने कहा, “हमारे नेता राहुल गांधी ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी का मामला उठाया है और अगर हमें मौका मिला तो हम इस मुद्दे को संसद में शून्यकाल या प्रश्नकाल के दौरान उठाएंगे.”

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