सुनीता विलियम्स 9 महीने बाद अंतरिक्ष से रवाना: कल सुबह 3:27 बजे समुद्र में लैंडिंग

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अंतरिक्ष में फंसे एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 13 दिन बाद पृथ्वी पर लौट रहे हैं. उनके साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी आज, 18 मार्च को स्पेस स्टेशन से रवाना हुए.

चारों एस्ट्रोनॉट के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होने के बाद सुबह 08:35 बजे इस स्पेसक्राफ्ट का हैच यानी, दरवाजा बंद हुआ और 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग हुआ. यह 19 मार्च को सुबह लगभग 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंड होगा.

पीएम मोदी ने भी सुनीता विलियम्स को लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने सुनीता की धरती पर सुरक्षित वापसी की कामना की है. साथ ही उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया है.

स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने में कितना समय लगेगा?

इस सफर में करीब 17 घंटे लगेंगे. नासा की ओर से इस इवेंट का एक अनुमानित शेड्यूल जारी किया गया है. इसमें मौसम के कारण बदलाव भी हो सकता है.

नासा के अनुसार 19 मार्च को सुबह 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू होगा. यानी, कक्षा से उल्टी दिशा में स्पेसक्राफ्ट का इंजन फायर किया जाएगा. इसके बाद स्पेसक्राफ्ट की पृथ्वी के वातावरण में एंट्री होगी और सुबह फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैडिंग होगी.

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को स्पेस स्टेशन पर क्यों भेजा गया था?

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे. इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था.

एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे. मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था.

बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट कब और कैसे लॉन्च किया गया था?

5 जून 2024 को रात 8:22 बजे एटलस V रॉकेट के जरिए बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट लॉन्च हुआ था. ये 6 जून को रात 11:03 बजे स्पेस स्टेशन पहुंचा था. इसे रात 9:45 बजे पहुंचना था, लेकिन रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर में परेशानी आ गई थी.

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