रांची : राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रभारी सचिव उमाशंकर सिंह ने झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में आयोजित स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों की रूपरेखा (एनसीएफएसई) के लिए शुक्रवार को राज्य संचालन समिति के बैठक की अध्यक्षता की.
उमाशंकर सिंह ने इस दौरान राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन एवं अन्य राज्यस्तरीय पदाधिकारियों को नियुक्तियों, आईटी सेल के गठन या बेस्ट प्रैक्टिसेज के डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया को डेढ़ से तीन महीने में पूरा करने का लक्ष्य दिया. उन्होंने जेसीईआरटी में पाठ्यक्रम डिजाईन और रिसर्च के कार्यो को प्राथमिकता देने का आदेश दिया. साथ ही ग्राफ़िक्स, डिजाइनिंग, प्रिंटिंग आदि के कार्यो को जेईपीसी से संचालित करने का निर्देश दिया.
शिक्षा सचिव ने कहा कि जेसीईआरटी केवल अनुशंधान और पाठ्यक्रमों पर केंद्रित होकर कार्य करें. बुक प्रिंटिंग से लेकर उसकी डिजाइनिंग और ग्रफिकिंग के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद अंतर्गत चार टीम बनेंगी, जो बुक की क्वालिटी, उसमे कंटेंट, ग्राफ़िक डिजाइनिंग, फोटोग्राफी आदि का कार्य पूर्ण करेंगी.
उमाशंकर सिंह ने झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद कैंपस में 500 लोगों की क्षमता वाला बड़ा ऑडिटोरियम बनाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में केवल झारखंड अधिविद्य परिषद (जैक) के पास बड़ा हॉल है. ऐसे में जेसीईआरटी में राज्यभर से शिक्षक अतिथि के रूप में प्रशिक्षण के लिए आते है. वर्तमान में बना हॉल पर्याप्त क्षमता वाला नहीं है. उन्होंने हॉल और ऑडिटोरियम के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया. साथ ही जेईपीसी के वार्षिक मैगज़ीन पंख के लिए एसओपी बनाने का निर्देश भी दिया.
उमाशंकर सिंह ने शिक्षा विभाग अंतर्गत हो रहे उत्कृष्ट अभ्यासों के डॉक्यूमेंटेशन पर जोर देते हुए इसपर कार्य शीघ्र शुरू करने का आदेश दिया. उन्होंने जेईपीसी अंतर्गत विद्या समीक्षा केंद्र बनाने का निर्देश दिया. इसके लिए मानव बल के सृजन पर जोर देते हुए जल्द से जल्द इस कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया. विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से राज्य के स्कूलों एवं शिक्षा के विभिन्न संकेतकों की मॉनिटरिंग होगी. साथ ही संकेतकों के अनुरूप कार्य संतोषजनक ना होने की स्थिति में कार्रवाई के लिए साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार की जाएगी. साप्ताहिक रिपोर्ट के समीक्षा के बाद एक्शन रिपोर्ट भी बनेगा.
स्कूल रिपोर्ट कार्ड बनेगा स्कूलों की ग्रेडिंग का आधार
प्रभारी सचिव ने प्रोजेक्ट इंपैक्ट अंतर्गत स्वतः मूल्यांकन के लिए जारी ‘स्कूल रिपोर्ट कार्ड’ को स्कूलों की ग्रेडिंग प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश दिया. 1500 अंकों के स्कूल रिपोर्ट कार्ड में जिस विद्यालय का प्रदर्शन बेहतर होगा, उन्हें गोल्ड ग्रेड सर्टिफिकेट मिलेगा. स्कूलों की ग्रेडिंग दो आधार पर होगी. पहला गोल्ड और दूसरा सिल्वर. गोल्ड श्रेणी के विद्यालयों को वरीयता के आधार पर अतिरिक्त सुविधाएं और शिक्षा में उत्कृष्ट प्रयासों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जायेगी. स्कूलों में “प्रयास-सह-प्रोजेक्ट परियोजना प्रभाव-एनईपी” के तहत हो रहे कार्यो की समीक्षा के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की टीमे लगातार फील्ड अनुश्रवण करेंगी.
राज्य के 35000 स्कूलों की पहली रिपोर्ट कार्ड 15 अगस्त से 30 अगस्त के बीच जारी होगी. तदोपरांत विद्यालयों द्वारा मूल्यांकन की पड़ताल कर स्कूल ग्रेडिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. राज्य के 80 मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों अथवा 325 प्रखंडस्तरीय आदर्श विद्यालयों का जैक द्वारा वर्ष में दो बार योगात्मक मूल्यांकन भी कराया जायेगा.
प्रभारी सचिव ने किया जेसीईआरटी का निरीक्षण
राज्य संचालन समिति की बैठक के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रभारी सचिव ने झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, रातू का समग्र निरिक्षण किया. उमाशंकर सिंह ने जेसीईआरटी के निदेशक आदित्य रंजन एवं जेईपीसी, जेसीईआरटी के अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में जेसीईआरटी के भवन निर्माण, मॉडल लैब इकाई, प्रशिक्षण कक्षों, जनजातीय भाषा प्रयोगशाला, कैंटीन, हॉस्टल आदि का अनुश्रवण किया.
उन्होंने झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में नवनिर्मित साइंस, इंटीग्रेटेड मैथ्स और साइंस लैब, सोशल साइंस लैब, जनजातीय भाषा लैब, ईसीसीई- एफएलएन-टीएलएम लैब, वोकेशनल लैब, आईसीटी लैब, पुस्तकालय का निरीक्षण कर पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
उमाशंकर सिंह ने ईसीसीई-एफएलएन प्रयोगशाला में स्थापित ‘जादूई पिटारा’ की जमकर तारीफ़ की. साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त करने आये शिक्षकों से भी बात की और उनका फीडबैक लिया. प्रभारी सचिव ने कैंटीन में शाम के नाश्ते हुए तैयार हो रहे खाने की गुणवत्ता की भी जांच की अथवा अतिथियों के लिए बने हॉस्टल के कमरों का भी अवलोकन किया.