इंटरमीडिएट नामांकन और स्थानांतरण पर रोक के खिलाफ छात्रों का हस्ताक्षर अभियान, सरकार के फैसले को बताया शिक्षा विरोधी
पूर्वी सिंहभूम, 8 जुलाई 2025: झारखंड सरकार द्वारा कॉलेजों में इंटरमीडिएट (12वीं कक्षा) के नामांकन और स्थानांतरण पर रोक लगाए जाने के खिलाफ छात्रों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को पूर्वी सिंहभूम जिले के साकची गोलचक्कर पर छात्रों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया और सरकार के फैसले के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया।
बारिश में भी नहीं रुकी छात्रों की आवाज़
बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इस अभियान में शामिल हुए। उन्होंने इंटर की पढ़ाई कॉलेजों से हटाने के निर्णय को छात्र विरोधी, शिक्षक विरोधी और रोजगार विरोधी बताया।
“यह फैसला हमारे भविष्य के साथ अन्याय है। न सिर्फ छात्रों का नुकसान होगा बल्कि वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षक और कॉलेज स्टाफ भी बेरोजगार हो जाएंगे।”
कॉलेजों से इंटरमीडिएट हटाने पर छात्रों की आपत्ति
छात्रों ने कहा कि कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद होने से:
- हजारों छात्रों को प्रवेश का विकल्प नहीं मिलेगा
- लाइब्रेरी, लैब और अन्य संसाधनों से वंचित रह जाएंगे
- शिक्षकों और कर्मचारियों के रोजगार पर संकट आएगा
- शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा
छात्रों का मानना है कि स्कूलों में इंटर की पढ़ाई ट्रांसफर करने से गुणवत्ता में कोई विशेष सुधार नहीं होगा, बल्कि इससे अशांति और असमंजस की स्थिति बनेगी।
छात्रों की मांगें और आगे की रणनीति
छात्रों ने सरकार से नामांकन और स्थानांतरण पर लगी रोक तत्काल हटाने की मांग की। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगें जल्द नहीं मानीं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
छात्र प्रतिनिधियों ने बताया कि इस अभियान में सैकड़ों लोगों का समर्थन मिला है और वे जल्द ही मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला शिक्षा विरोधी और जनविरोधी है, जिससे हजारों परिवारों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
