शिबू सोरेन के जल्द स्वास्थ्य लाभ के लिए मस्जिदों में विशेष दुआ, फ़ुरक़ान अंसारी की अपील पर उमड़ा जनसमूह
रांची, शनिवार: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के अग्रदूत दिशोम गुरु शिबू सोरेन के अस्वस्थ होने की खबर के बाद पूरे राज्य में चिंताएं गहराती जा रही हैं। इसी कड़ी में शनिवार को झारखंड के कई जिलों में मस्जिदों में विशेष नमाज़ और दुआ का आयोजन हुआ। इस विशेष पहल की शुरुआत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद फ़ुरक़ान अंसारी की अपील पर हुई, जिसे समाज के सभी वर्गों से व्यापक समर्थन मिला।
हज़ारों लोगों ने नमाज़ अदा करने के बाद शिबू सोरेन की सेहतमंदी के लिए विशेष दुआ की। मस्जिदों में इमामों ने उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआ की पेशकश की, वहीं कई स्थानों पर मौलानाओं ने उनके योगदान पर रोशनी डालते हुए कहा कि गुरुजी जैसे नेता विरले होते हैं, जिनका जीवन समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
फ़ुरक़ान अंसारी का बयान:
प्रेस विज्ञप्ति में फ़ुरक़ान अंसारी ने कहा,
“शिबू सोरेन सिर्फ एक राजनीतिक चेहरा नहीं हैं, वे झारखंड की आत्मा हैं। उन्होंने आदिवासी समाज को न केवल राजनीतिक पहचान दी, बल्कि सामाजिक न्याय की लड़ाई में हमेशा सबसे आगे रहे। उनका जीवन संघर्ष, त्याग और सेवा का प्रतीक है। आज जब वे अस्वस्थ हैं, तो यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें। हम दुआ करते हैं कि वे जल्द स्वस्थ होकर फिर से हमारा मार्गदर्शन करें।”
धर्म और जाति से परे दिखा समर्थन:
यह आयोजन किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं रहा। रांची, बोकारो, धनबाद, हज़ारीबाग, दुमका, साहेबगंज, गढ़वा और लोहरदगा जैसे जिलों से मिली जानकारी के अनुसार, हिंदू, ईसाई, सिख और अन्य समुदायों ने भी मंदिरों, चर्चों और गुरुद्वारों में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित कीं। यह राज्य में धार्मिक सौहार्द और मानवीय एकता का बेहतरीन उदाहरण बना।
जनता का जुड़ाव:
सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्र संगठनों, ट्रेड यूनियनों और आदिवासी संगठनों ने भी शिबू सोरेन के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। कई जगहों पर मोमबत्ती जलाकर शांति प्रार्थनाएं की गईं। सोशल मीडिया पर भी #GetWellSoonGuruji ट्रेंड कर रहा है, जिससे यह स्पष्ट है कि उनके लिए लोगों के दिलों में कितनी श्रद्धा और स्नेह है।
राजनीतिक दलों का समर्थन:
भाजपा, कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), राजद, वाम दलों और अन्य कई क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने भी शिबू सोरेन की स्वास्थ्य स्थिति पर चिंता जताते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। झारखंड के मुख्यमंत्री और उनके पुत्र हेमंत सोरेन ने भी आम जनता से दुआ की अपील की है।
निष्कर्ष:
शिबू सोरेन का जीवन केवल एक नेता की गाथा नहीं, बल्कि झारखंड के संघर्ष, जागरूकता और आत्मसम्मान की कहानी है। जिस प्रकार पूरे राज्य में उनके लिए एकजुट होकर दुआएं की जा रही हैं, वह दर्शाता है कि वे केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि जनता के दिलों में बसने वाले जननायक हैं। झारखंड सहित पूरे देश को उनके जल्द स्वस्थ होकर फिर से सक्रिय सार्वजनिक जीवन में लौटने की प्रतीक्षा है।
