रांची : लोकसभा चुनाव 2024 में होने वाले के लिए भारत निर्वाचन आयोग अपने स्तर से तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा है. इस क्रम में उसकी नजर ऐसे वोटरों पर विशेष तौर पर है जो 18 वर्ष या इससे ऊपर के हैं और वोटर कार्ड उनका नहीं बन सका है. इसके लिए विशेष अभियान दिवस चलाया जायेगा. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (झारखंड) के रवि कुमार ने इस संबंध में गुरुवार को निर्वाचन सदन में इससे संबंधित विस्तृत जानकारी दी. बताया कि निर्वाचन आयोग (भारत, नई दिल्ली) द्वारा 01 जनवरी, 2024 को अर्हता तिथि मानते हुए फोटो मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 2024 के संचालन के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गये हैं.
राज्य में 27 अक्टूबर को एकीकृत प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन होगा
इस आधार पर राज्य में 27 अक्टूबर को एकीकृत प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन होगा. 27 अक्टूबर से नौ दिसंबर तक दावा एवं आपत्ति संबंधी आवेदन दिए जा सकेंगे. 28, 29 अक्टूबर के अलावा चार और पांच नवंबर को विशेष अभियान दिवस चलाया जायेगा. इस दौरान सभी बीएलओ अपने बूथों पर रहेंगे और वोटर आईडी बनाने और दूसरे कार्यों में सहयोग देंगे. सारी प्रक्रियाओं के बाद अंततः पांच जनवरी, 2024 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा. इसी आधार पर वोटर लोकसभा चुनाव 2024 में अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे.
सभी पात्र नागरिकों का निबंधन और मतदाता सूची का शुद्धिकरण किए जाने पर जोर रहेगा
के रवि कुमार ने बताया कि 28 स्वच्छ, समावेशी और त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करने को 28 नवंबर से समावेशी सप्ताह मनाया जायेगा. इस दौरान सभी पात्र नागरिकों का निबंधन और मतदाता सूची का शुद्धिकरण किए जाने पर जोर रहेगा. ट्रांसजेंडर, आदिम जनजाति ग्रुप, सेक्स वर्कर्स, 80 वर्ष से अधिक आयु के सीनियर सिटीजन, आश्रयविहीन लोग और आश्रयगृहों में निवास करने वाले लोगों का वोटर कार्ड बनाने का प्रयास विशेष तौर पर होगा. 28 नवंबर को आदिम जनजाति बहुल और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अभियान के तहत मतदाता सूची में निबंधन का प्रयास होगा. 29 नवंबर को सभी जिलों में रैन बसेरा, आश्रय गृहों में रहने वालों तथा आवास विहीन लोगों का निबंधन के लिए अभियान चलाया जायेगा. इसके लिए स्थानीय नगर निकायों, नगर निगमों की भी मदद ली जायेगी.
2 दिसंबर को सभी ट्रांसजेंडर, सेक्स वर्कर्स वगैरह के लिए अभियान होगा
30 नवंबर और 01 दिसंबर को 80 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के लोगों, दिव्यांगजनों का मतदाता सूची में मार्किंग के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा. दो दिसंबर को सभी ट्रांसजेंडर, सेक्स वर्कर्स वगैरह के लिए अभियान होगा, जिसमें झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाईटी की भी मदद ली जायेगी. तीन दिसंबर को दिव्यांगजनों के पंजीकरण के लिए आवश्यक कार्यक्रम आयोजित होंगे.
इस आधार पर 95 नए मतदान केंद्र का गठन हुआ
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के मुताबिक मतदाताओं की संख्या और सुविधाओं के लिहाज से अलग अलग जिलों में नए मतदान केंद्रों का गठन किया गया है. इस आधार पर 95 नए मतदान केंद्र का गठन हुआ है.अलग-अलग जिलों में ऐसे 38 मतदान केंद्र जहां वोटरों की संख्या बेहद कम थी, उसे निकटवर्ती पोलिंग स्टेशन लोकेशन पर स्थित मतदान केंद्र के साथ मर्ज कर दिया गया है. मतदान केंद्रों के मर्जिंग (विलय, विलोपन) तथा नए मतदान केंद्रों के गठन के फलस्वरूप राज्य में आयोग द्वारा पूर्व में अनुमोदित 29464 मतदान केंद्रों के स्थान पर मतदान केंद्रों की कुल संख्या अब 29521 हो गयी है. इस प्रकार रेशनेलाइजेशन के बाद राज्य में कुल 57 मतदान केंद्र अधिक हो गये.