रांची : श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ के पूज्य महाराज सा श्रीप्रिय स्मिता श्रीजी, श्रीप्रिय लताश्री जी, डॉ प्रिय वंदना श्रीजी आदि ठाणा 6 रांची पधारे हुए हैं. साध्वियों श्रीजी का प्रवास श्री जैन श्वेताम्बर डोरंडा जैन मंदिर में चल रहा है. तीन- चार दिन के प्रवास के बाद सभी साध्वियाँ पदयात्रा करते हुए रायपुर की ओर विहार करेंगे.
साध्वी प्रिय स्मिता प्रियलता ने बताये संयुक्त परिवार का क्या राज
आज सुबह 8:30 बजे से प्रवचन हुआ जिसमे आज साध्वी प्रिय स्मिता प्रियलता ने अपने उद्बोधन में बताया की संयुक्त परिवार का क्या राज है. संसार एक रेस्टोरेंट हैं, इसमें हमारी आत्मा अतिथि बनकर आयी है अतिथि का काम कितना 4 दिन रहना, पांचवें दिन प्रस्थान करना. समय भी बर्बाद नहीं करना है, जितना जो समय मिला है उसका ज्ञान, ध्यान, स्वाध्याय में प्रेम और मैत्री में व्यस्त करना है.
मनुष्य जीवन को सफल बनाना है
मनुष्य जीवन को सफल बनाना है. खाने- पीने, आराम में, टेस्ट लेने में समय को बर्बाद नहीं करना है. इस मनुष्य जीवन में ही आत्मा बोध और शोध, प्रतिबोध को प्राप्त कर सम्यक ज्ञान, सम्यक दर्शन, सम्यक चारित्र को उपलब्ध करता है.
गुरुकृपा की आशीष को पल्लवित करना है
जीवन गुलशन को महकाना है, अंतर सुमन खिलाना है, मैत्री गंगा में डुबकी लगानी है, संयम ज्योति को प्रस्फुटित करना है, गुरुकृपा की आशीष को पल्लवित करना है, तो जीवन यात्रा को गति प्रदान करना होगा, आत्मा की अनुभूति करनी होगी स्वाध्याय की श्रृंखला में प्रगति करनी होगी, आत्म दृष्टा बनने के लिए मूल की भूल को सुधारना होगा.
संयुक्त परिवार में सुंदर आनंद- प्रमोद होगा तभी साधना में मन लगेगा
अध्यात्म साधना करने के पूर्व अपने घर के वातावरण को सुधारना होगा. संयुक्त परिवार में संगठन, एकता, मैत्री, प्रमोद, करुणा, वात्सल्य रस की वर्षा होगी एवं घर का वातावरण स्वर्ग से सुंदर आनंद प्रमोद होगा तभी साधना में मन लगेगा.
मूल में रही भूलों को सुधारना होगा
यदि हम अपनी मूल में रही भूलों को सुधारना होगा, इसकी घर से शुरुआत करनी होगी. घर का वातावरण सुंदर अच्छा, प्रसन्नता में रहेगा तो हमारी साधना में भी मन लगेगा घर को संयुक्त परिवार में जोड़ने के लिए साध्वी प्रियलता ने श्रावको को संबोधित करते हुए 5 मूल मंत्र बताएं.
साध्वीश्री जी का स्वागत किया गया
अध्यक्ष श्री संपत लाल रामपुरिया एवं सचिव श्री सुभाष चंद बोथरा ने साध्वीश्री जी का स्वागत किया. आज के प्रवचन में धर्म चंद भंसाली, घेवरचंद नाहटा, सुरेश बोथरा, अशोक सुराणा, विनय नाहटा, प्रकाश चंद नाहटा, प्रकाश पारख, राजू रामपुरिया आदि के साथ समाज के काफी महिलाएं एवं पुरुष उपस्थित थे.