रांची : करबला चौक स्थित नगर निगम कार्यालय में जमाअत इस्लामी हिंद ‘’निरंतर प्रयास के 75 साल” कार्यक्रम के अंतर्गत अधिवक्ताओं के साथ एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में मानवाधिकार हनन और उसकी रोकथाम पर वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए.
अधिवक्ता जियाउल्लाह ने आयोजन का उद्देश्य बताया
एपीसीआर झारखंड चैप्टर के सचिव अधिवक्ता जियाउल्लाह ने कार्यक्रम की रूपरेखा और इसके आयोजन का उद्देश्य बताया. उन्होंने जमाअत इस्लामी के द्वारा किए जाने वाले कार्यों की जानकारी देते हुए कहा के एपीसीआर जैसे संगठनों को तैयार करने और बनाने में जमाअत इस्लामी हिंद का बड़ा योगदान है.
मानवाधिकार के प्रति अधिवक्ताओं का दायित्व सब से ज्यादा : खलील अहमद
अधिवक्ता खलील अहमद ने कहा कि हमारे समाज में हर तरफ मानवाधिकारों का हनन होता रहता है. जहां समाज के दूसरे लोग अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं, वहीं हम अधिवक्ताओं का दायित्व सब से ज्यादा होता है. हमारा कर्तव्य है के दबे-कुचले शोषित वर्ग की कानूनी सहायता करें. उनकी लड़ाई लड़ें अल्पसंख्यक समुदायों पर होने वाले अत्याचारों से उनकी रक्षा करे.
फासीवादी शक्तियों से सतर्क रहने की जरूरत : अबू तालिब
अधिवक्ता अबू तालिब के कहा के आज के परिवेश में फासीवादी शक्तियां अल्पसंख्यकों विशेष रूप से मुस्लिमों के खिलाफ षड्यंत्र कर रही हैं. इस से सतर्क रहने की जरूरत है. अधिवक्ता शीन मोहम्मद ने कहा भ्रष्टाचार मानवाधिकारों के हनन का सबसे बड़ा कारण है.
विडंबना ये है कि जैसी कौम है वैसे लीडर : फैसल
अधिवक्ता फैसल ने कहा मुस्लिम समाज की विडंबना ये है कि जैसी कौम है वैसे लीडर है. कोई लीडर हम ऐसा नहीं चुनते जो हमारे अधिकारों की रक्षा के लिए तत्पर हो. जरूरत इस बात की है लोगों को जागरूक करें कि कैसे अच्छे लोग चुने जाएं. ऐसे में हम अधिवक्ताओं का दायित्व है के समाज को सही दिशा दिखाएं.
लाभ-हानि की परवाह किए बगैर सच का साथ दें : शाजिया
अधिवक्ता मिन्हाज अख्तर ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता बरकरार रखने की बात की. अधिवक्ता शाजिया ने कहा हमें चाहिए के लाभ-हानि की परवाह किए बगैर सच का साथ दें. अधिवक्ता अजहर खान ने कहा के आज जो माहोल है लगता है हम अधिवक्तागण जागते हुए सो रहे हैं.
शोषित समाज को इंसाफ और बराबरी का हक मिले
हर तरफ मानवाधिकारों का हनन हो रहा है. उन्होंने कहा कि जमाअत इस्लामी जैसी संस्था विगत कई वर्षों से प्रयासरत है कि शोषित समाज को इंसाफ और बराबरी का हक मिले. वरिष्ठ अधिवक्ता अबुल अल्लाम ने कहा के विश्व में हर जगह देखने में आता है कि कैसे बहुसंख्यकों ने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किए हैं. अब हमारी जिम्मेदारी हैं के कैसे इन अत्याचारों से बचें.
कठिनाइयों के बावजूद एक सशक्त संविधान मिला
हमें जो संविधान मिला है उसे बनाने में बड़ी कठिनाइयां आई पर इन कठिनाइयों के बावजूद एक सशक्त संविधान मिला. जिसमे लगभग सभी धर्मों की अच्छी बातों को सम्मिलित किया गया है. अब हमारा कर्तव्य है की इसकी रक्षा करें. जमाअत इस्लामी हिंद झारखंड रांची शहर के अमीर मतलूब अहमद की दुआ पर इस कार्यक्रम का समापन हुआ.