रांची : भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 68वीं महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर अनुसूचित जाति समन्वय समिति ने अंबेडकर चौक डोरंडा रांची में पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जाति समन्वय समिति के केंद्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुमार रजक के नेतृत्व में किया. मौके पर आए हुए अतिथियों ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके जीवन और संघर्षों पर चर्चा की. अध्यक्षता करते हुए उपेंद्र कुमार रजक ने कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जीवन भर दलित शोषित वंचित की हक और अधिकार के लिए संघर्ष करते रहे. उन्होंने इस वर्ग को शिक्षा,सामाजिक सुधार, रोजगार एवं राजनीतिक अधिकार के लिए संविधान में विशेष अधिकार दिए. वह महान समाज सुधारक के साथ-साथ महान शिल्पकार थे. आज के दौर में बाबा साहेब की जीवन और संघर्षों को लोग भूलने लगे हैं. आज उनके दिए हुए अधिकार से राजनीतिक लाभ ,शैक्षणिक लाभ एवं रोजगार लेने वाले लाखों लोग सिर्फ इन्हें याद का कोरम पूरा करते हैं. उनके विचारों संघर्ष एवं जीवन शैली को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं.
बाबा साहब सिंबल ऑफ नॉलेज के प्रतीक थे
उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया कि नया हाई कोर्ट के सामने बाबा साहब की प्रतिमा स्थापित हो एवं रांची में अंबेडकर भवन बने. महासचिव सुरेंद्र पासवान ने कहा कि 6 दिसंबर एवं 14 अप्रैल को बाबा साहब को पूरा देश सिर्फ याद करता है. उनके विचारों एवं संघर्षों को सामने लाने का प्रयास नहीं करता है. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के जीवन संघर्ष एवं संविधान के मूल भावनाओं को प्रारंभिक शिक्षा से ही बताने की जरूरत है. कार्यकारी अध्यक्ष रामलगन राम ने कहा कि बाबा साहब सिंबल ऑफ नॉलेज के प्रतीक थे. इन्होंने संविधान के माध्यम से देश में सभी लोगों का समानता का अधिकार दिया. वर्तमान सरकार बाबा साहब के सभी स्थलों को सजाने सुधारने एवं संरक्षित करने का कार्य किया है. पुष्पांजलि कार्यक्रम में संतोष रवि, रंधेर रजक, जगदीश दास, विनोद राजन ,संजय राम ,सूरज नायक, जीवन राम ,राकेश राम, राजेश रजक ,युवराज पासवान, लोकेश खलखो, रंजीत बावरी, महेश कुमार, छोटू पासवान , करण नायक ,सत्येंद्र रजक, कैलाश राम, महावीर नायक आदि उपस्थित थे.