सावन की दूसरी सोमवारी: रांची के शिवालयों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
Ranchi | 21 जुलाई 2025: सावन की दूसरी सोमवारी पर रांची के पहाड़ी मंदिर, समेश्वर मंदिर, इक्कीसो महादेव धाम सहित अनेक शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालुओं ने पूरे श्रद्धा भाव से बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक और दर्शन किए। मंदिर परिसर का नजारा एक भव्य मेले जैसा रहा, जिसमें भक्ति, आस्था और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला।
🛕 पहाड़ी मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब
पहाड़ी मंदिर समिति के अनुसार, इस बार दूसरी सोमवारी में श्रद्धालुओं की संख्या पहली सोमवारी की तुलना में थोड़ी कम रही, लेकिन आस्था की गर्माहट में कोई कमी नहीं दिखी। हजारों शिव भक्तों ने सुबह से ही मंदिर पहुंचकर जल और दूध से शिवलिंग का अभिषेक किया।
🧺 पूजा सामग्री और दुकानों की बहार
मंदिर के चारों ओर सैकड़ों दुकानें सजी हुई थीं, जहाँ पूजा की वस्तुएँ जैसे दूध, बेलपत्र, भांग, फूल, धतूरा और मिट्टी के बने चुक्के मात्र ₹10 से ₹20 में उपलब्ध कराए जा रहे थे। इसका उद्देश्य यह था कि हर भक्त बिना किसी कठिनाई के पूजा कर सके।
🕉️ तिलक और नाग देवता दर्शन की परंपरा
मंदिर के सामने साधु-संत अष्टगंध, सिंदूर, हल्दी और मिट्टी से तिलक लगाते दिखाई दिए। भक्तों ने इसे शिव कृपा का प्रतीक मानकर श्रद्धा से अपनाया। वहीं, नाग देवता को टोकरी में लेकर घूमते बाबा-सपेरों ने श्रद्धालुओं को नाग दर्शन करवाया। मान्यता है कि सावन में नाग देवता के दर्शन से सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
📿 रोजी-रोटी बना भक्ति का माध्यम
माला बेचने वाली माधुरी देवी बताती हैं कि उनके सास-ससुर 60-70 वर्षों से यह दुकान चला रहे थे। उन्होंने 17 रुपये से यह व्यापार शुरू किया था, और आज यह उनके परिवार की रोजी-रोटी का आधार बन चुका है।
🌸 श्रद्धा के प्रतीक मालाएं और धार्मिक आभूषण
रुद्राक्ष माला, तुलसी माला, शांति मोती, एक मुखी से सात मुखी रुद्राक्ष, बागेश्वर धाम और भवड़ी मालाएं भक्तों की पसंद बनी रहीं। साथ ही स्टील के कड़े, महाकाल बैंड और रुद्राक्ष लोकेट जैसे धार्मिक आभूषणों की बिक्री भी तेज़ रही। भक्त इन वस्तुओं को आस्था, सुरक्षा और धार्मिक पहचान के रूप में अपना रहे हैं।
