कोलकाता रेप-मर्डर केस में संजय रॉय दोषी करार : सजा का ऐलान 20 जनवरी को, संजय बोला- मुझे फंसाया गया

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कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस में सियालदह कोर्ट ने 18 जनवरी को मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया. सजा का ऐलान सोमवार (20 जनवरी) को किया जाएगा. अदालत ने 162 दिन बाद फैसला सुनाया है. CBI ने आरोपी संजय के लिए फांसी की मांग की है.

फैसले के बाद दोषी संजय ने कहा-

मुझे इस मामले में फंसाया गया है. मैंने यह काम नहीं किया. जिन्होंने ये काम किया है, उन्हें जाने दिया गया है. एक IPS इसमें शामिल है.

पहले जानिए इस केस के बारे में

आरजी कर हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था. 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी. CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था. इस घटना के बाद देशभर में कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए. बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं.

फैसले से जुड़ी 3 बड़ी बातें

1. फैसले का आधार फॉरेंसिक रिपोर्ट

अदालत ने फॉरेंसिक रिपोर्ट को सजा का आधार बनाया, जो बताती है कि संजय रॉय इस मामले में शामिल था. घटना स्थल और पीड़ित डॉक्टर की बॉडी पर भी संजय का DNA मिला था. रॉय को भारत न्याय संहिता अधिनियम की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी पाया गया है

2. अधिकतम सजा फांसी होगी

जस्टिस अनिर्बान दास ने कहा कि इस मामले में अधिकतम सजा फांसी दी जा सकती है. कम से कम सजा आजीवन कारावास होगी.

3. दोषी संजय को बोलने का मौका मिलेगा

जब दोषी संजय ने कहा कि उसे इस केस में फंसाया जा रहा है, इसके बाद जस्टिस अनिर्बान दास ने कहा कि सजा सुनाए जाने से पहले उसे बोलने का मौका मिलेगा.

हाईकोर्ट के आदेश पर जांच बंगाल पुलिस से लेकर CBI को मिली थी

9 अगस्त की घटना के बाद आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों और पीड़ित परिवार ने मामले की CBI जांच की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच के आदेश नहीं दिए. हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 अगस्त को CBI को जांच सौंपी गई. इसके बाद CBI ने नए सिरे जांच शुरू की, लेकिन घटना को 5 दिन हो चुके थे.

3 को आरोपी बनाया गया, एक को जमानत

आरोपी संजय रॉय के अलावा मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिसिंसपल संदीप घोष को भी आरोपी बनाया गया, लेकिन CBI 90 दिन के अंदर घोष के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं कर पाई, जिस कारण सियालदह कोर्ट ने 13 दिसंबर को घोष को इस मामले में जमानत दे दी. इसके अलावा ताला थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को भी चार्जशीट दायर न करने के कारण जमानत दी गई.

इससे पहले CBI ने 25 अगस्त को सेंट्रल फोरेंसिक टीम की मदद से कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था. अधिकारियों ने करीब 3 घंटे उससे सवाल-जवाब किए. संजय समेत 10 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था. इनमें आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता, 4 फेलो डॉक्टर, एक वॉलंटियर और दो गार्ड्स शामिल थे.

संजय इयरफोन और DNA से पकड़ में आया

टास्क फोर्स ने जांच शुरू होने के 6 घंटे के भीतर दोषी संजय रॉय को अरेस्ट किया. CCTV के अलावा पुलिस को सेमिनार हॉल से एक टूटा हुआ ब्लूटूथ इयरफोन मिला था. ये उसके के फोन से कनेक्ट हो गया था.

संजय की जींस और जूतों पर पीड़िता का खून पाया गया.

संजय का DNA मौके पर मिले सबूतों से मैच हुआ. संजय के शरीर पर जो चोट के 5 निशान मिले वो 24 से 48 घंटे के पहले के साथ ये ब्लंट फोर्स इंजरी थी, जो बचाव की कोशिश के दौरान की थीं. इसी के जरिए पुलिस संजय को पकड़ने में कामयाब रही.

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