Sadar Hospital

सदर अस्पताल में सड़क सुरक्षा विषय पर प्रशिक्षण शुरू, विभिन्न थानों से 37 पुलिस पदाधिकारी पहुंचे

राँची

रांची : सदर अस्पताल,(Sadar Hospital)  रांची में आज से सिविल सर्जन के निर्देश पर विभिन्न थानों से आए 37 पुलिस पदाधिकारियों को फर्स्ट एड एवं सीपीआर (CPR) के इस्तेमाल संबंधी प्रशिक्षण शुरू किया गया. यह प्रशिक्षण तीन दिवसीय होगा.

तीन चिकित्सकों की टीम ने दी जानकारी

सर्जन सदर अस्पताल (Sadar Hospital ) रांची डॉ अजीत कुमार के नेतृत्व में तीन चिकित्सकों की टीम ने विभिन्न थानों से आए 37 पुलिस पदाधिकारियों को सड़क दुर्घटना के बाद पीड़ित की किस तरह सहायता की जाए, किस तरह First Aid दिया जाए, कैसे मरीज को सुरक्षित रखा जाए एवं अन्य अस्पतालों में रेफर किया जाए उसकी जानकारी दी गयी.

महिला पुलिस पदाधिकारियों की भी रही भागीदारी

प्रशिक्षण में पुरुष एवं महिला पुलिस पदाधिकारियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया एवं बहुत सारे सवाल पूछे. सारे पुलिस पदाधिकारी सार्जेंट रंजन कुमार के साथ सदर अस्पताल रांची (Sadar Hospital Ranchi) पहुंचे थे. सर्वप्रथम उन्हें समझाया गया कि मरीज की सहायता करते समय स्थल का मुआयना कर लें और जरूरत पड़े तो उसे बैरिकेड कर दे और खुद को भी सुरक्षित महसूस करते हुए मदद के लिए आगे बढ़े.

दुर्घटना स्थल पर क्या करें, फर्स्ट एड की विस्तृत जानकारी दी गयी

अगर वहां दुर्घटना हुई हैं तो वाहन का इंजन तुरंत बंद करें, वहां किसी भी तरह धूम्रपान करने से रोके, घायल व्यक्ति की पहचान करें. उनकी चोट का आकलन करें, जरूरत पड़े तो मदद के लिए खबर दें. फर्स्ट एड की विस्तृत जानकारी दी गयी. किस तरह रक्तस्राव को रोकना चाहिए किस तरह हड्डी के फ्रैक्चर होने पर उसे स्प्लिंट लगाकर रखना चाहिए जल्दबाजी में मुंह से कुछ नहीं देना चाहिए.

एबीसी (ABC)  का फार्मूला समझाया गया

एबीसी (ABC) का फार्मूला को भी समझाया गया जिसमें एयरवे मैनेजमेंट,  Breathing मैनेजमेंट एवं सरकुलेशन के बारे में जानकारी दी गयी. जरूरत पड़ने पर मरीज का पल्स Carotid Artery देखा जा सकता है, इसका प्रशिक्षण दिया गया.

सीपीआर की डेमो दे कर दी गयी जानकारी

अगर अंबु (AMBU) बैग उपलब्ध है, उससे कैसे हम सीपीआर देते हैं और अगर नहीं उपलब्ध है, तब mouth to mouth में कैसे सीपीआर/सांस/chest compression देते हैं. उसकी विस्तृत जानकारी डेमो दे कर दी गयी. इसमें chest को कितनी बार दबाना और उसके बाद सांस कितनी बार देना है (30:2 ratio).

बच्चों में क्या अलग किया जाता है उसकी भी जानकारी दी गयी. इस कार्यक्रम में नर्सिंग कर्मचारियों ने भी प्रशिक्षण प्राप्त किया.

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