बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण पर बवाल, तेजस्वी यादव ने लगाए भाजपा पर वोट छांटने के गंभीर आरोप
पटना, 16 जुलाई: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। विपक्ष के नेता और राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस अभियान पर सवाल उठाते हुए भाजपा और चुनाव आयोग पर मतदाताओं के नाम जानबूझकर काटने का आरोप लगाया है।
तेजस्वी यादव का दावा: 1% वोट भी हटे तो 7.9 लाख नाम होंगे बाहर
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“बिहार में कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं। अगर इनमें से सिर्फ 1 प्रतिशत मतदाताओं को भी हटाया जाए, तो यह लगभग 7 लाख 90 हजार मतदाताओं का नाम हटाने जैसा होगा। और इनका इरादा इससे भी अधिक, 4 से 5 प्रतिशत तक का है।”
उन्होंने कहा कि यदि इसे 243 विधानसभा क्षेत्रों में विभाजित किया जाए, तो हर क्षेत्र से औसतन 3251 मतदाता हटेंगे। तेजस्वी ने यह भी कहा कि अगर प्रत्येक बूथ से सिर्फ 10 वोट भी हटाए जाएं, तो एक विधानसभा से 3200 वोट गायब हो सकते हैं।
तेजस्वी ने रखे पुराने चुनावों के आंकड़े, जताई साजिश की आशंका
तेजस्वी यादव ने कहा कि:
- 2015 के चुनाव में 3000 से कम अंतर से 15 सीटों पर हार-जीत हुई थी
- 2020 में ऐसी सीटों की संख्या बढ़कर 35 हो गई
- 5000 से कम अंतर से जीत-हार वाली सीटों की संख्या 2015 में 32 और 2020 में 52 थी
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि,
“भाजपा और चुनाव आयोग अब इन्हीं क्लोज मार्जिन सीटों को टारगेट कर रहे हैं। इन सीटों के चुनिंदा बूथों, समुदायों और वर्गों को निशाना बनाकर वोटर लिस्ट से नाम हटाए जा रहे हैं।”
“लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे” – तेजस्वी का ऐलान
तेजस्वी ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे हर घर जाएं और लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा,
“हम लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। भाजपा की बदनीयती को हर जगह उजागर किया जाएगा। हमारा एक-एक कार्यकर्ता सतर्क है।”
