मानसून सत्र आज से शुरू हो गया. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान NEET में हुई गड़बड़ी पर बोल रहे थे. इस दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और उनके इस्तीफे की मांग की.
शिक्षा मंत्री बोले- मामला सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट का जो भी निर्देश होगा हम उसे मानेंगे. कोर्ट ने सभी छात्रों के सिटी और सेंटर वाइज रिजल्ट जारी करने को कहा था, जो पब्लिक डोमेन में है.
राहुल गांधी ने कहा- देश को दिख रहा है कि परीक्षा सिस्टम में बहुत सी कमी है. शिक्षा मंत्री ने सबकी कमी गिना दी, लेकिन अपनी नहीं गिनाई. हमारा एग्जाम सिस्टम फ्रॉड है.
इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा- सिर्फ चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाता. विपक्ष के नेता का यह कहना कि देश की परीक्षा प्रणाली बकवास है, बेहद निंदनीय है.
प्रधान ने कहा- 2010 में मनमोहन सिंह सरकार में कपिल सिब्बल शिक्षा सुधार के लिए 3 बिल लाए. उनमें से एक अनियमितता रोकने के लिए था. उसे किसके दबाव में वापस लिया गया.
क्या यह निजी मेडिकल कॉलेजों के दबाव के कारण था? और वे (राहुल गांधी) हमसे सवाल पूछ रहे हैं.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद के बाहर कहा- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को जवाब देना चाहिए था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और पीएम मोदी के बारे में बात की, लेकिन वह यह नहीं बता पा रहे हैं कि वह इस पर क्या कर रहे हैं. NEET युवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है. हमने हमेशा संसद में चर्चा की मांग की है, लेकिन सरकार इसमें दिलचस्पी नहीं ले रही है. हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे और सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे.