रिम्स के डॉक्टर को जल्द मिलेगी पदोन्नति : मंत्री इरफान अंसारी

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रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 11वें दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही 11 बजकर 08 मिनट पर शुरू हुई. सदन में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी ने कहा है कि जीबी की बैठक बुलाकर रिम्स के डॉक्टरो को जल्द ही प्रोन्नति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पूर्व में प्रोन्नति में विसंगतियां हुई है. इसे वह स्वीकार करते हैं.

इसके लिए उन्होंने फाइल भी मंगाया है. अब जीबी की बैठक बुलाकर प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. डॉक्टर अंसारी कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप के ध्यानाकर्षण का जवाब दे रहे थे. विधायक कच्छप का कहना था कि डॉक्टरो को प्रोन्नति नहीं मिलने से पूर्व में जो प्रोन्नति दी गई उसमें भारी गड़बड़ी हुई है. 60 साल की उम्र के बाद ज्वाइन करने वाले डॉक्टर प्रोन्नति नहीं मिलने के कारण जूनियर हो गए हैं और नियमित डॉक्टर जिन्हें सीनियर चिकित्सकों ने पढाया है वह जूनियर हो गये. कच्छप ने राज्य के ही विशेषज्ञ चिकित्सकों को रिम्स डायरेक्टर बनाने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले डायरेक्टर कार्यकाल पूरा किए बगैर बीच में ही चले जाते हैं इससे रिम्स की व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ता है.

झारखंड की हजारों एकड़ भूमि को फ्री होल्ड किया जाएगा: दीपक बिरुवा

भू राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा है कि खास महल की हजारों एकड़ जमीन को जल्द ही फ्री होल्ड किया जाएगा. उन्होंने सदन को बताया कि खास महल की जमीन को रैयतों के नाम करने के लिए सदस्य राजस्व परिषद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी की 3-4 बैठके हो चुकी है. अब अंतिम बैठक के बाद 45 दिनों के अंदर निर्णय ले लिया जाएगा. इससे पूर्व भाजपा विधायक आलोक चौरसिया ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से सरकार से जानना चाहा था कि जो लोग बरसों से खास महल की जमीन पर रह रहे हैं उन्हें उस जमीन का मलिकाना हक क्यों नहीं दिया जा रहा.

चौरसिया का कहना था कि डाल्टनगंज में काफी संख्या में लोग खास महल की जमीन पर रहते आए हैं. राज्य के अन्य जिलों में भी यही स्थिति है. लेकिन उन्हें से जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल रहा है.

वह अपना घर नहीं बना पा रहे हैं. जो घर बना चुके हैं उन्हें परेशान किया जा रहा है. भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी का भी कहना था कि कृषि योग्य भूमि पर भी रैयतों का 100 वर्ष से अधिक का कब्जा है. लेकिन सरकार सड़क निर्माण व अन्य कार्यों के लिए जब भूमि अधिग्रहित करती है तो उसे सरकारी जमीन बता कर कोई मुआवजा नहीं देती है. राज्य में इससे हजारों लोग परेशान हैं.

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