रांची : राजस्व संग्रह में लगातार वृद्धि के बावजूद यात्री रेल सुविधा में झारखण्ड की बार-बार उपेक्षा किया जाना चिंतनीय है. क्या कारण है कि चाहे लंबी दूरी की ट्रेनें हों या लोकल, रेल मंत्रालय द्वारा पश्चिम बंगाल और बिहार को ही अधिक महत्व दिया जाता है. यदि लोकल ट्रेनों के मेंटेंनेस की सुविधा विकसित की जाय तब प्रदेश में मेमू ट्रेनों का परिचालन संभव हो सकेगा. इसके लिए हटिया, बंडामुंडा और चक्रधरपुर में मेमू शेड जरूर बनाया जाना चाहिए. उक्त बातें आज चैंबर भवन में संपन्न हुई झारखण्ड चैंबर और रेल यूजर्स एसोसियेशन की संयुक्त बैठक में कही गईं.
राजधानी रांची और औद्योगिक नगरी टाटानगर से देश के कई प्रमुख शहरों की कनेक्टिविटी के लिए नई ट्रेनों के परिचालन पर भी विधिवत चर्चा हुई. वार्ता के क्रम में रांची से कटरा (वाया हजारीबाग, वाराणसी, अयोध्या, जम्मूतवी), रांची से देहरादून, रांची से इंदौर, टाटानगर से दिल्ली के लिए नई साप्ताहिक, टाटानगर-कोडरमा (वाया हजारीबाग टाउन) इंटरसिटी, रांची से रक्सौल (वाया डाल्टनगंज, सासाराम, दानापुर, मुजफ्फरपुर), साहेबगंज से रांची तक नई इंटरसिटी ट्रेन के परिचालन की बात कही गई.
चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने कहा कि दक्षिण पूर्व रेलवे ने फ्रेट लोडिंग से वित्तिय वर्ष 2023-24 में 12,266.53 करोड रूपये की कमाई की जिसमें 3.03 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और वित्तिय वर्ष 2024-25 में 12,630.51 करोड रू0 राजस्व अर्जित की है, बावजूद इसके रांची से पश्चिमी सिंहभूम के दूरस्थ ग्रामीण इलाके सीधी रेल सेवा से वंचित हैं. उन्होंने बडबील से रांची फास्ट मेमू ट्रेन के परिचालन को जरूरी बताते हुए कहा कि इससे चाईबासा, नोआमुंडी क्षेत्र के लोग सुविधाजनक सफर का लाभ ले सकेंगे. रांची से अयोध्या ट्रेन के परिचालन को जरूरी बताते हुए चैंबर के डीआरयूसीसी सदस्य संजय अखौरी ने कहा कि सीधी ट्रेन उपलब्ध नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है. दक्षिण पूर्व रेलवे को अयोध्या के लिए सीधी ट्रेन चलाने की पहल होनी चाहिए. सीएमसी, वेल्लोर जानेवाले यात्रियों को होनेवाली असुविधा को देखते हुए उन्होंने धनबाद तिरूअनंतपुरम धरती आबा सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन को जरूरी बताया. कहा कि यह ट्रेन न केवल धनबाद और बोकारो में कार्यरत दक्षिण भारत के निवासियों के लिए लाभकारी होगी बल्कि रोजगार, चिकित्सा सेवा, तीर्थयात्रा, और पर्यटन के लिए भी सुपरफास्ट सेवा प्रदान करेगी.
सह सचिव नवजोत अलंग ने धनबाद से कतरासगढ, चंद्रपुरा, डाल्टनगंज होते हुए नासिक रोड तक चलनेवाली गरीब रथ स्पेशल को नियमित करते हुए नॉर्मल एलएचबी कोड कंपोजिशन के साथ एलटीटी मुंबई तक विस्तार करने की बात कही. उन्होंने रेल यूजर्स एसोसियेशन के पदाधिकारियों से कोविड महामारी के बाद से बंद हुई ट्रेनों की सूचि भी मांगी. यह कहा कि चैंबर द्वारा इस दिशा में पहल की जायेगी. चर्चाओं के क्रम में रांची राजधानी एक्सप्रेस को सप्ताह में दो दिन हजारीबाग टाउन के रास्ते चलाने, धनबाद से हजारीबाग के बीच लोकल मेमू ट्रेन कोडरमा के रास्ते चलाने, आसनसोल टाटानगर का विस्तार साहेबगंज तक करने, साहेबगंज से रांची तक इंटरसिटी ट्रेन चलाने तथा चोपन से जसीडीह द्वि-साप्ताहिक (वाया बरकाकाना, धनबाद) ट्रेन चलाने की बात पर भी जोर दिया गया.
सह सचिव विकास विजयवर्गीय और कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार ने दक्षिण पूर्व रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर कोल्ड स्टोरेज के निर्माण की आवश्यकता बताई. यह कहा कि यदि रेलवे द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जाय, तब झारखण्ड में उत्पादित होनेवाले कृषि उपज आसानी से मेट्रो सिटी में भेंजा जा सकेगा. कोविड महामारी के बाद से ट्रेनों में सीनियर सीटिजन और हैंडीकैप यात्रियों को यात्री किराये में मिलनेवाली छूट को अब तक चालू नहीं करने पर भी सदस्यों द्वारा नाराजगी जताई गई और कहा गया कि क्या रेलवे घाटे में है ?
बैठक में चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी, सह सचिव विकास विजयवर्गीय, नवजोत अलंग, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार, संजय अखौरी, उप समिति चेयरमेन किशन अग्रवाल, आनंद जालान, सदस्य अरूण जोशी, संदीप नागपाल, रवि दत्त, प्रदीप सिंह, रेल यूजर्स एसोसियेशन के कुमार अभिषेक, छोटी कुमारी, सत्यम श्रीवास्तव, संकेत प्रधान, नैयर इमाम, अदिती कुमारी समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे. उक्त जानकारी प्रवक्ता सुनिल सरावगी ने दी.