रांची : आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सलखान मुर्मू ने कहा कि झारखंड बने 22 साल के बाद भी किसी भी सरकार ने स्थानीयता आरक्षण और नियोजन नीति को स्पष्ट रूप से स्थापित नहीं किया. अभी भी किसी पार्टी के पास कोई ठोस नीति उपलब्ध नहीं है. झारखंडी शिक्षित बेरोजगारों के साथ घोर अन्याय हुआ और हो रहा है.
11 फरवरी को रेल रोड चक्का जाम
सालखन ने कहा कि मरांग बुरु यानी पारसनाथ पहाड़ को जैनों के कैद से मुक्त करने और 2023 में हर हाल में आदिवासियों के प्रकृति पूजा धर्म सरना धर्म कोड को लागू करने के लिए सेंगेल 11 फरवरी 2023 को 5 प्रदेशों में रेल रोड चक्का जाम करेगा तथा 11 अप्रैल 2023 से अनिश्चितकालीन रेल रोड चक्का जाम होगा.
सोरेन सरकार ने मरंगबुरू को जैनों के हाथ बेचा
सोरेन सरकार ने आदिवासियों के ईश्वर मरंगबुरू को जैनों के हाथ बेचने का पाप किया है. मरांग बुरु हमारे लिए राम मंदिर से कमतर नहीं है. राम मंदिर आंदोलन की तरह मरांग बुरु आंदोलन भी आक्रमक हो सकता है.
राजनीतिक दल जीतते हैं, आदिवासी समाज हारता है
झारखंड में राजनीतिक दल चुनाव जीते हैं, सरकार बनाते हैं, परंतु आदिवासी समाज बार-बार हारता है. अधिकांश आदिवासी नेता भी आदिवासी एजेंडा पर काम नहीं करते हैं. अतः सेंगेल आदिवासी एजेंडा पर कार्यरत है. हमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा है कि वे आदिवासी हितों की रक्षा करेंगे.
भाजपा हमें सरना धर्म कोड दे हम वोट देंगे
उन्होंने कहा कि भाजपा हमें सरना धर्म कोड दे हम वोट देंगे. बाबूलाल मरांडी अच्छे नेता हैं हम खुलकर समर्थन करना चाहते हैं. बीजेपी पर भरोसा है, लेकिन झारखंड में बीजेपी का आदिवासी एजेंडा ही नहीं है.