राँची हुआ राममय, राजन जी महाराज की श्रीराम कथा में उमड़े श्रद्धालु
राँची: राजधानी राँची बुधवार को भक्ति और आस्था के रंग में रंग गई, जब विश्वप्रसिद्ध कथावाचक पूज्य श्री राजन जी महाराज की त्रिदिवसीय श्रीराम कथा का भव्य शुभारंभ मेथान पैलेस में हुआ। पहले ही दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए पहुँचे और “जय श्रीराम” के जयघोष से पूरा परिसर गूंज उठा।
कथा के प्रारंभ में महाराज श्री ने राँचीवासियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह आपका प्रेम ही है जो खींचकर हमें पुनः झारखंड की पावन धरती पर ले आया है। आप पूजन-अर्चन और व्यस्त जीवन से समय निकालकर रामकथा में बैठे हैं, यह आपका भक्ति भाव ही है।”
शिव-पार्वती विवाह प्रसंग से हुई शुरुआत
कथा की शुरुआत मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के स्मरण और शिव-पार्वती विवाह प्रसंग से हुई। महाराज श्री ने कहा कि “गोस्वामी तुलसीदासजी ने पूरी रामकथा शिवजी के श्रीमुख से कहलाई है, इसलिए कथा में प्रथम वंदना भोलेनाथ की होती है।”
“राम कौन हैं?” – भक्ति की गहराई पर चिंतन
महाराज श्री ने भारद्वाज और याज्ञवल्क्य ऋषि के संवाद का उल्लेख करते हुए कहा, “प्रश्न केवल इतना नहीं कि राम कौन हैं, बल्कि यह भी कि हम राम को अपने जीवन में कैसे उतारें। भक्ति केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि हर कार्य में ईश्वर को केंद्र में स्थापित करना ही सच्चा साधन है।”
भजनों ने बाँधा समा
कथा के मध्य में प्रस्तुत भजनों ने वातावरण को और भी भक्तिमय बना दिया। महाराज श्री के गाए भजनों पर श्रोता झूम उठे।
आयोजन में उमड़ा जनसैलाब
पहले दिन बड़ी संख्या में स्त्री-पुरुष, युवा और वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया। पूरा पंडाल “जय श्रीराम” और “हर-हर महादेव” के नारों से गूंजता रहा। आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं से समय पर पहुँचने और कथा का दिव्य लाभ लेने की अपील की है।
इस अवसर पर श्रीराम कथा आयोजन ट्रस्ट के संयोजक राजेश गुप्ता, चंदन कुमार, शिव अग्रवाल, पप्पू सिंह, अभिमन्यु प्रसाद, सूरज कुमार, आशुतोष द्विवेदी, संगीता प्रसाद, जितेंद्र भगतिया, धरणीधर जैना, अमित कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
