Mahila Sammelan

राँची महाधर्मप्रान्तीय काथलिक महिला संघ ने आयोजित किया महिला दिवस सम्मेलन

राँची

रांची : आगामी होली त्योहार तथा सुविधा को मध्यनजर रखते हुए एक सप्ताह पूर्व राँची   महाधर्मप्रान्तीय काथलिक महिला संघ समिति के तत्वावधान में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सम्मेलन का आयोजन संत अल्बर्टस कॉलेज के सभागार में रखा गया.

बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो

इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में राँची महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो एसजे, संत मरिया महागिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर आनंद डेविड खलखो, अन्य गणमान्य अतिथिगण, वक्तागण, समिति के सदस्यों सहित राँची महाधर्मप्रांत के कुल 35 पल्लियों से आये महिलाओं ने हजारों की संख्यों में भाग लिया.

बाइबल पठन के साथ हुआ सम्मेलन का शुभारंभ

एक दिवसीय अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस सम्मेलन का शुभारंभ बाइबल पठन के साथ एक छोटी प्रार्थना से किया गया. तदोपरांत अतिथियों का पुष्पगुच्छ व माल्यार्पण तथा शॉल देकर उन्हें सम्मान दिया गया. सभानेत्री श्रीमती लीली बरला के स्वागत संबोधन के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आशय व इतिहास प्रस्तुत किया गया.

विषमताओं को दूर करने से बनेगा खुशहाल समाज : फेलिक्स टोप्पो

सम्मेलन के मुख्य अतिथि आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ने अपने संदेश में कहा समाज में अनेकों तरह की आसमानताएं हैं और उन विषमताओं को दूर किए बिना एक सभ्य और खुशहाल समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है.

महिलाओं को आगे आने की आवश्यकता

उन्होंने आगे कहा मैं चाहता हूं कि जो असमानताएं है उन्हें दूर करने के लिये महिलाओं को आगे आने की आवशकता है और इस नेक कार्य में वे चैंपियन बने. एक ख्रीस्तीय माँ को ईश्वरीय प्रेम तथा अच्छे गुणों में आगे बढ़ना चाहिये. सम्पूर्ण सम्मेलन में महिलाओं से संबंधित वक्तव्य, पारम्परिक कला एवं नृत्य प्रस्तुति सहित अनेकों बिंदुओं पर चिंतन किया गया.

मुख्य वक्ता ललिता रोशनी लकड़ा ने कहा- लैंगिक भेद नहीं होना चाहिये

मुख्य वक्ता सीबीसीई (कैथोलिक बिशपस कॉफ्रेन्स ऑफ इंडिया) ट्राईबल अफेयर्स दिल्ली से आयी सिस्टर ललिता रोशनी लकड़ा डीएसए ने आज के मुख्य विषय- लैंगिक समानता एवं एक साथ सतत मातृत्व की ओर पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा लैंगिक भेद नहीं होना चाहिये. नारी का भी परिवार, समाज तथा देश के निर्माण में अहम योगदान होता है उसे उचित सम्मान मिलना चाहिये.

उत्पीड़न और अपराध पर भी विचार रखे

उन्होंने महिलाओं पर हो रहे विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न और अपराध पर भी अपना विचार रखा. आदिवासी महिलाओं पर परम्परा और मान्यता के नाम पर बहुत से बातों में उन्हें मुख धारा से वंचित किया जाता है.

सहानुभूतिपूर्ण नजरिया अपनाने पर जोर

उन्होंने संत पापा फ्रांसिस के द्वारा एलजीबीटी अर्थात लेस्बियन, गेय, बयोसेक्सयूएल एवं ट्रांसजेंडर लोगों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण नजरिया अपनाने संबंधी बातों पर भी जोर दिया वक्तव्य के अंत में सिस्टर ललिता ने महिलाओं के लिये आदिवासी घड़ी भेंट प्रदान की.

वंदना डाडेल ने कहा- बुद्धिमान स्त्री ही घर को बनाती है

प्रधान सचिव कार्मिक विभाग की वंदना डाडेल ने बाईबल में निहित महिलाओं से संबंधित कुछ उदाहरणों द्वारा उन्होंने संदेश में कहा बुद्धिमान स्त्री घर को बनाती है और मूर्ख स्त्री परिवार को विनाश करती है. झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता बोर्ड संयुक्त सचिव रंजीता हेमरोम ने कहा अपने बच्चे की अच्छी परवरिश करनी चाहिये. एक माँ को अपने बच्चों एवं परिवार के भरपूर प्यार और समय समय देना चाहिये.

अनास्तासिया लकड़ा  और ओलिफ़ कोय को मिला सम्मान

इस मौके पर पूर्व सभानेत्री श्रीमती अनास्तासिया लकड़ा और श्रीमती ओलिफ़ कोय को सम्मान दिया गया. इस सम्मेलन में गढालोधम दिघ्या और मांडर से दो रेजा कामकाजी तथा दो विधवा माताओँ को अपने विचार एवं अनुभव को साझा करने के लिये आमंत्रित किया गया.

सम्मेलन को सफल बनाने में इनका रहा योगदान

 इस सम्मेलन को सफल बनाने में राँची महाधर्मप्रांत काथलिक महिला संघ समिति एवं स्थानीय पल  पल्ली पुरोहित आनन्द डेविड खलखो, संचालिका सिस्टर लूसिया मिंज,  सभानेत्री श्रीमती लीली बरला, सचिव श्रीमती सरोजिनी लकड़ा, श्रीमती ग्रेस केरकेट्टा की अहम भूमिका रही.

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