राजस्थान: स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत, 20 से अधिक घायल, CM ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश
झालावाड़, 25 जुलाई । राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह एक सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत का एक हिस्सा ढह गया। इस दर्दनाक हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक बच्चे घायल हुए हैं। हादसे के वक्त कक्षा में पढ़ाई चल रही थी।
हादसे का मंजर और बचाव कार्य
हादसे के समय स्कूल की दो कक्षाओं में कुल 71 छात्र मौजूद थे, जिनमें से 35 छात्र उसी कमरे में थे जिसकी छत ढही। मलबे में दबे बच्चों को शिक्षकों और ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया। सभी घायलों को मनोहरथाना अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से 9 गंभीर रूप से घायल छात्रों को झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
मृतकों की पहचान
हादसे में जिन बच्चों की मौत हुई है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
- पायल (14) पुत्री लक्ष्मण
- प्रियंका (14) पुत्री मांगीलाल
- कार्तिक (8) पुत्र हरकचंद
- हरीश (8) पुत्र बाबूलाल
- मीना रेदास
गंभीर रूप से घायल छात्र (जिन्हें झालावाड़ रेफर किया गया)
- कुंदन (12) पुत्र वीरम
- मिनी (13) पुत्री छोटूलाल
- वीरम (8) पुत्र तेजमल
- मिथुन (11) पुत्र मुकेश
- आरती (9) पुत्री हरकचंद
- विशाल (9) पुत्र जगदीश
- अनुराधा (7) पुत्री लक्ष्मण
- राजू (10) पुत्र दीवान
- शाहीना (8) पुत्री जगदीश
मुख्यमंत्री और नेताओं ने जताया शोक, जांच के आदेश
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और दोपहर बाद घटनास्थल का दौरा कर प्रभावित परिवारों से मिलेंगे।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने छात्रों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी घायलों का इलाज सरकारी खर्च पर कराया जाएगा। वह भी घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत समेत कई नेताओं ने इस घटना पर गहरा शोक जताया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हादसा अत्यंत दुखद है। घायलों की हरसंभव मदद की जा रही है।”
धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से बात कर राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली है और सभी घायलों के उपचार के निर्देश दिए हैं।
ग्रामीणों ने जताया आक्रोश, पहले भी दी थी शिकायतें
ग्रामीणों ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि स्कूल की इमारत लंबे समय से जर्जर थी और इसकी मरम्मत के लिए कई बार शिकायतें की गई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हादसे के वक्त दोनों शिक्षक भवन के बाहर थे।
बारिश के दौरान अचानक छत गिरने से कक्षा में मौजूद बच्चे मलबे में दब गए। मौके पर पहुंची प्रशासनिक और राहत टीमें तत्काल बचाव कार्य में जुट गईं।
