बिहारराजनीति

मुजफ्फरपुर में राहुल गांधी का हमला: कहा, ‘मोदी वोट चोरी कर चुनाव जीतते हैं’


पटना, 27 अगस्त 2025: कांग्रेस की *वोटर अधिकार यात्रा* आज दरभंगा से होते हुए *मुजफ्फरपुर* पहुंची, जहां *राहुल गांधी* ने चुनाव आयोग और केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि *बिहार में 65 लाख वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए* हैं, जिसे उन्होंने *संविधान पर सीधा हमला* बताया।

‘मोदी वोट चोरी कर चुनाव जीतते हैं’

राहुल गांधी ने कहा, “मैं गारंटी से कहता हूं कि *नरेंद्र मोदी वोट चोरी कर चुनाव जीतते हैं।*” उन्होंने आरोप लगाया कि इस वोट चोरी में *अमित शाह* और *चुनाव आयोग* भी मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में हजारों लोगों ने शिकायत की कि वे कई वर्षों से वोट डालते आ रहे थे, लेकिन इस बार उनके *नाम सूची से हटा दिए गए*।

‘वंचित तबकों के वोट काटे जा रहे हैं’

राहुल का आरोप था कि चुनाव आयोग *अमीरों के वोट नहीं काट रहा*, बल्कि *दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों* और *अतिपिछड़ों* को लक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि आम लोगों की आवाज उठे, उनके बच्चों को हक मिले या वे *पेपर लीक जैसे मुद्दों* पर विरोध करें।

‘गुजरात आर्थिक नहीं, वोट चोरी का मॉडल है’

राहुल गांधी ने कहा, “*गुजरात कोई आर्थिक मॉडल नहीं, वोट चोरी का मॉडल है*।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने इस मॉडल को 2014 में पूरे देश में लागू किया और *मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा* में भी चुनावों में गड़बड़ी की।

‘अब हमारे पास सबूत हैं’

राहुल ने कहा, “पहले हम आरोप नहीं लगाते थे, क्योंकि सबूत नहीं थे। लेकिन अब हमारे पास सबूत हैं।” उन्होंने 2019 के चुनाव परिणामों पर सवाल उठाते हुए कहा कि *मोदी ने रिजल्ट आने से पहले ही 300 सीटों की घोषणा कर दी थी*, जबकि ओपिनियन पोल कुछ और कह रहे थे।

चुनाव आयोग को लेकर गंभीर सवाल

राहुल ने यह भी कहा कि संसद में ऐसा कानून पास किया गया है, जिससे *चुनाव आयोग पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती*। उन्होंने पूछा, “अगर चुनाव आयोग ईमानदार है, तो उसे कानूनी संरक्षण क्यों चाहिए?”

ट्रंप के बयान का जिक्र

अंत में राहुल ने *डोनाल्ड ट्रंप* के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि ट्रंप ने खुद कहा कि उन्होंने मोदी को फोन कर *24 घंटे में सीजफायर* की बात की, लेकिन मोदी ने *सिर्फ 5 घंटे में सीजफायर* कर दिया।

यह भाषण कांग्रेस की आगामी रणनीति और भाजपा के खिलाफ तीखे तेवर का संकेत देता है, खासकर जब 2026 के चुनावी माहौल की सरगर्मी तेज हो रही है।

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