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गुरु पूर्णिमा पर रघुवर दास ने आदिवासी गुरुओं को किया सम्मानित, धर्मांतरण और संसाधन लूट पर साधा निशाना

रांची, 10 जुलाई 2025: गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची के धुर्वा क्षेत्र में आयोजित एक सम्मान समारोह में आदिवासी समाज के पारंपरिक गुरुओं – पहान, मानकी-मुंडा, मांझी-परगनेत को सम्मानित किया। यह कार्यक्रम झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति द्वारा आयोजित किया गया था।

इस अवसर पर रघुवर दास ने कहा, “गुरु हमारे जीवन को दिशा देने वाले होते हैं। माता-पिता, शिक्षक और धर्मगुरु हमारे व्यक्तित्व निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज मैंने जिन आदिवासी प्रकृति पूजक गुरुओं को सम्मानित किया है, वह मेरे लिए गर्व की बात है।”


आदिवासी संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण की सराहना

रघुवर दास ने आदिवासी समाज की संस्कृति और पर्यावरण के प्रति निष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज सदियों से प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता का रक्षक रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आज इन परंपराओं और संसाधनों पर कई तरह के खतरे मंडरा रहे हैं।


कोयला, बालू और पत्थर की लूट का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में कोयला, बालू और पत्थर जैसी प्राकृतिक संपदाओं की व्यवस्थित लूट हो रही है। उन्होंने कहा कि “सिंडिकेट सिस्टम के जरिए खनिज संपदा को लूटा जा रहा है, जबकि आम आदिवासियों को घर बनाने के लिए भी बालू नहीं मिल पा रहा है।”


धर्मांतरण और सामाजिक खतरे

धर्मांतरण पर बोलते हुए रघुवर दास ने कहा कि संथाल परगना जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विदेशी धर्मों के प्रभाव का नतीजा है और इसके पीछे “लव जिहाद” और “जमीन जिहाद” जैसे सामाजिक खतरे भी मौजूद हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया।

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