रांची : झारखंड में शीघ्र ही विधानसभा चुनाव होने वाला है. चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों ने लोगों के लिए घोषणा पत्र तैयार करने और जीतने पर विभिन्न तरह की सेवाएं दिए जाने का भरोसा दिलाना शुरू कर दिया है. इस संबंध में रांची शहर नागरिक मंच ने सोमवार को देवी मंडप के समीप बैठक की. मंच लोगों को चुनाव के प्रति जागरूक कर रही है.
मंच के अमृतेश पाठक ने बताया कि झारखंड में विभिन्न राजनीतिक दलों के जरिये मुफ्तखोरी और निकम्मेपन को बढ़ावा देने के लिए अनाप-शनाप घोषणाएं की जा रही हैं. लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी अपनी ओर से राजकीय कोष को लूटने और लूटाने को तैयार हैं. टैक्स पेयर और आम जनता की गाढ़ी कमाई से जमा टैक्स का सदुपयोग करने की बजाय रेवड़ियां बांटी जा रही हैं. एक होड़ मची है कि कौन कितना ज्यादा लूटा सकता है. कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि लूटाने के लिए पैसे किस प्रकार से और कहां से आएंगे. वर्तमान में किन किन योजनाओं की राशि काटी गई है, कौन कौन से विकास कार्य रोके जा रहे हैं, इसे सत्तापक्ष भी बताना नहीं चाह रहा.
बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि रांची राजधानी होने पर यहां इतनी समस्याएं क्यों हैं. आज तक बेहतर सड़क, 24 घंटे बिजली, शुद्ध पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी राजधानी रांची निवासी वंचित हैं. अव्यवस्थित शहरीकरण से बारिश में पूरा रांची डुबा रहता है. सरकारी स्कूलों और अस्पतालों को आज तक जन उपयोगी नहीं बनाया गया. एक भी बड़े उद्योग-धंधे स्थापित नहीं हुए. बड़े तामझाम से बाहरी निवेश का दावा हवा हवाई साबित हुआ. ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार पलायन हो रहा है. लोग रोजी रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए बाहर निकल रहे हैं. खेतों को सिंचाई के लिए एक योजना धरातल पर नहीं उतरी. महिलाओं को प्रशिक्षित कर स्वावलंबन और आत्म सम्मान से उपार्जन के उपाय करने की बजाय उन्हें मुफ्तखोर की संज्ञा दिलवा कर अपमानित किया जा रहा है.
बैठक में राजीव झा, डॉ सत्यप्रकाश मिश्रा, राजकुमार वर्मा सहित अन्य भी उपस्थित थे.