रांची : झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का झारखंड की धरती पर स्वागत है लेकिन यहां हिंदू-मुस्लिम और मंगलसूत्र नहीं चलेगा. राज्य के अपने अहम सवाल हैं, जिनका आदिवासी-मूलवासी ग्रामीण मोदी से जवाब चाहते हैं. सुप्रियो रविवार को कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे.
भट्टाचार्य ने कहा कि आदिवासी अस्मिता से जुड़े सवालों, जिसमें सरना धर्म कोड प्रमुख है पर प्रधानमंत्री मोदी क्या विचार रखते हैं इसका जवाब उन्हें देना होगा. प्रधानमंत्री को यह बताना होगा कि क्या छत्तीसगढ़ हसदेवा जंगल में अडाणी के प्रवेश के बाद पौंडाहाट, सांरडा और कोल्हान में अडाणी का प्रवेश कराने के लिए वन अधिकार कानून में संशोधन किया गया. इसमें ग्राम सभा के पावर को शिथिल क्यों किया गया.
भट्टाचार्य ने कहा कि क्या कोल्हान की धरती पर भी पूंजीपतियों को आर्म्ड फोर्स के साथ उतारा जाएगा और कोल्हान क्षेत्र में अडाणी या अन्य पूंजीपतियों को घुसाकर आदिवासी-मूलवासी और ग्रामीणों को उजाड़ा जाएगा. मोदी को बताना होगा कि कोल वेयरिंग एक्ट में क्यों संशोधन किया गया. इसमें सोशल इंफेक्ट और एनवायरमेंट इंपैक्ट पार्ट को क्यों हटाया गया. क्या उनकी मंशा झारखंड के माइनिंग क्षेत्र का डेमोग्राफी को बदलने की साजिश तो नहीं है. इस एक्ट से भी ग्राम सभा को शिथिल कर दिया गया है.
भट्टाचार्य ने कहा कि 10 साल पहले तक एचईसी की स्थिति अच्छी थी. दस साल में ऐसा क्या हुआ कि एचईसी बर्बाद हो गया. एचईसी मनी रत्न इंडस्ट्रीज के रूप में जाना था. यह झारखंड ही नहीं पूरे एशिया की बड़ी कंपनी हुआ करती थी. इसे लेकर केंद्र सरकार का बड़ा प्लान क्या है. इसका खुलासा मोदी को करना होगा.
भट्टाचार्य ने कहा कि राहुल गांधी के बयान के जिस मामले में कांग्रेस को नोटिस हुआ है, वह आर्थिक नीति पर था लेकिन प्रधानमंत्री का बयान आपराधिक मामले का था. इसके बावजूद इलेक्शन कमीशन ने सीधे प्रधानमंत्री को नोटिस न करते हुए भाजपा अध्यक्ष को नोटिस भेजा. इलेक्शन कमीशन कितनी भी सहूलियत प्रधानमंत्री को प्रदान कर दें लेकिन प्रधानमंत्री मोदी चुनाव के साथ जनता की नजर में भी हार चुके हैं.