राष्ट्रपति ने दी 77वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई, कहा- दुनिया की निगाहें आज भारत की ओर

राष्ट्रीय

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को 77वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि वैश्विक आर्थिक विकास के लिए दुनिया की निगाहें आज भारत पर टिकी हुई हैं. स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, “विश्व की अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं नाजुक दौर से गुजर रही हैं.

सरकार कठिन परिस्थितियों का अच्छी तरह सामना करने में सक्षम

वैश्विक महामारी के कारण हुए आर्थिक संकट से विश्व- समुदाय पूरी तरह बाहर नहीं आ पाया था कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर हो रही घटनाओं से अनिश्चितता का वातावरण और गंभीर हो गया है. फिर भी, सरकार कठिन परिस्थितियों का अच्छी तरह सामना करने में सक्षम रही है. देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और प्रभावशाली आर्थिक वृद्धि दर भी दर्ज की है. हमारे अन्नदाता किसानों ने हमारी आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. राष्ट्र उनका ऋणी है.”

मुद्रास्फीति पर सरकार और रिजर्व बैंक काबू पाने में सफल रहे

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर, मुद्रास्फीति (महंगाई) चिंता का कारण बनी हुई है लेकिन सरकार और रिजर्व बैंक इस पर काबू पाने में सफल रहे हैं. सरकार ने जन-सामान्य पर मुद्रास्फीति का अधिक प्रभाव नहीं पड़ने दिया है और साथ ही गरीबों को व्यापक सुरक्षा कवच भी प्रदान किया है. वैश्विक आर्थिक विकास के लिए दुनिया की निगाहें आज भारत पर टिकी हुई हैं. आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. हमारी आर्थिक प्रगति की इस यात्रा में समावेशी विकास पर जोर दिया जा रहा है.

भारत लोकतंत्र की जननी है

राष्ट्रपति ने कहा, “भारत लोकतंत्र की जननी है और प्राचीन काल में भी हमारे यहां जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थाएं विद्यमान थीं. किन्तु लंबे समय तक चले औपनिवेशिक शासन ने उन लोकतान्त्रिक संस्थाओं को मिटा दिया था. 15 अगस्त, 1947 के दिन देश ने एक नया सवेरा देखा. उस दिन हमने विदेशी शासन से तो आजादी हासिल की ही, हमने अपनी नियति का निर्माण करने की स्वतंत्रता भी प्राप्त की.”

हम एक ऐसे महान जन-समुदाय का हिस्सा, सबसे बड़ा और जीवंत समुदाय

राष्ट्रपति ने देशवासियों को याद दिलाया कि हम केवल एक व्यक्ति ही नहीं हैं, बल्कि हम एक ऐसे महान जन-समुदाय का हिस्सा हैं जो अपनी तरह का सबसे बड़ा और जीवंत समुदाय है. यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिकों का समुदाय है. जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र के अलावा, हमारी अपने परिवार और कार्य-क्षेत्र से जुड़ी पहचान भी होती है. लेकिन हमारी एक पहचान ऐसी है जो इन सबसे ऊपर है, और हमारी वह पहचान है, भारत का नागरिक होना. हम सभी, समान रूप से, इस महान देश के नागरिक हैं. हम सब को समान अवसर और अधिकार उपलब्ध हैं तथा हमारे कर्तव्य भी समान हैं.

जी 20 सही दिशा में ले जाने का एक अद्वितीय अवसर

राजधानी दिल्ली में अगले महीने आयोजित होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह मंच- समूह दुनिया की दो- तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए यह हमारे लिए वैश्विक प्राथमिकताओं को सही दिशा में ले जाने का एक अद्वितीय अवसर है. देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और प्रभावशाली आर्थिक वृद्धि भी दर्ज की है. मुश्किल दौर में भारत की अर्थव्यवस्था न केवल समर्थ सिद्ध हुई है बल्कि दूसरों के लिए आशा का स्रोत भी बनी है.

वंचितों को वरीयता प्रदान करना हमारी नीतियों और कार्यों के केंद्र में

वंचितों को वरीयता प्रदान करना हमारी नीतियों और कार्यों के केंद्र में रहता है. परिणामस्वरूप पिछले दशक में बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकालना संभव हो पाया है. मैं अपने आदिवासी भाई-बहनों से अपील करती हूं कि आप सब अपनी परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता को अपनाएं. जरूरतमंदों की सहायता के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पहल की गयी हैं तथा व्यापक स्तर पर कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

शिक्षक के नाते समझा है-  शिक्षा सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम

मैं एक शिक्षक रही हूं, इस नाते भी मैंने यह समझा है कि शिक्षा, सामाजिक सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है. राष्ट्रपति ने इस साल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा चंद्रयान -3 के लॉन्च का जिक्र करते हुए कहा कि यह अगले कुछ दिनों में चंद्रमा पर उतरने वाले हैं. चंद्रमा का अभियान अंतरिक्ष के हमारे भावी कार्यक्रमों के लिए केवल एक सीढ़ी है. हमें बहुत आगे जाना है.

सीमा की रक्षा कर रहे जवानों और अन्य सुरक्षा बलों की सराहना

राष्ट्रपति ने सीमा की रक्षा कर रहे जवानों और अन्य सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए कहा, “स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, मैं पुनः आप सब को, विशेष रूप से सीमाओं की रक्षा करने वाले सेना के जवानों, आंतरिक सुरक्षा प्रदान करने वाले सभी बलों एवं पुलिस के जवानों तथा दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों को बधाई देती हूं.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *