रांची : चीन में फैल रही रहस्यमय बीमारी को देखते हुए केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इस बीमारी के भी कोरोना की तरह फैलने की आशंका है. इन सभी संभावनाओं को देखते हुए रांची में स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुट गया है. रांची जिले के ब्लॉक स्तर के अस्पतालों को भी दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि यदि मरीज सामान्य स्थिति में रहे तो उसे सीएचसी और पीएचसी में ही सुविधा दी जा सके.
मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो अन्य जगहों पर भी इंतजाम किए जाएंगे
रांची के सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने मंगलवार को बताया कि हायर सेंटर के रूप में रिम्स और सदर अस्पताल को रखा जाएगा. यदि मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो अन्य जगहों पर भी इंतजाम किए जाएंगे. सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना के दौरान लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट का भी उपयोग किया जाएगा. पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर भी रखे जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभी तक भारत में ऐसा कोई केस नहीं मिला है. हालांकि, निमोनिया को लेकर लोगों को सचेत रहने की आवश्यकता है.
निमोनिया में छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता
रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सक और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ यूपी साहू ने बताया कि निमोनिया में छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि निमोनिया सबसे ज्यादा एक से पांच साल तक के बच्चों के लिए खतरनाक होता है. क्योंकि, वैसे बच्चे अपनी परेशानी को खुलकर बता नहीं पाते. ऐसे में अभिभावकों को यह ध्यान रखना होगा कि यदि छोटे बच्चे में सर्दी-खांसी के साथ बुखार आता है और उसने मां का दूध पीना छोड़ दिया तो उसे तुरंत नजदीकी डॉक्टर के पास ले जाएं.
डॉक्टरों की टीम निमोनिया के केस को लेकर गंभीर
यूपी साहू ने बताया कि छोटे बच्चे को यदि सांस लेने में परेशानी हो, शरीर नीला दिखाई दे रहा हो या उसे तेज बुखार आ रहा हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें क्योंकि निमोनिया ज्यादा दिनों तक रहना खतरनाक भी हो सकता है. उन्होंने बताया कि विभाग स्तर पर अभी तक किसी तरह का दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है. अस्पताल में भी अभी इस तरह के केस नहीं पहुंचे हैं लेकिन डॉक्टरों की टीम निमोनिया के केस को लेकर गंभीर है.