श्रावणी मेला 2025 की तैयारी जोरों पर: मुख्य सचिव ने देवघर-बासुकीनाथ में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर दिए सख्त निर्देश
रांची : झारखंड का प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला 2025 इस वर्ष 11 जुलाई से 9 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। इस एक महीने की अवधि में 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर और बाबा बासुकीनाथ धाम, दुमका पहुंचने की संभावना है। राज्य सरकार ने इस बार श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव देने के लिए व्यापक तैयारियों की समीक्षा शुरू कर दी है।
मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक: भीड़ नियंत्रण और आपात प्रबंधन पर जोर
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने बुधवार को सभी संबंधित विभागों, देवघर और दुमका के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षकों और अधिकारियों के साथ श्रावणी मेले की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने भीड़ नियंत्रण, आपातकालीन व्यवस्था, स्वच्छता, और तकनीकी निगरानी जैसे बिंदुओं पर स्पष्ट और कड़े निर्देश दिए।
मुख्य सचिव के निर्देश:
- भीड़ प्रबंधन के लिए AI आधारित CCTV और ड्रोन से निगरानी
- श्रद्धालुओं को छोटे समूहों में बांटने की व्यवस्था
- सुरक्षा कर्मियों की शिफ्ट में सुगठित परिवर्तन प्रणाली
- फिसलन से बचाव के लिए समतल मार्ग और गैर फिसलन सीढ़ियां
- बिजली कटौती की स्थिति में वैकल्पिक आपूर्ति सुनिश्चित
- मेटल डिटेक्टर प्वाइंट पर अनावश्यक भीड़ से बचाव
श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर विशेष फोकस
- टेंट सिटी में शौचालय, पेयजल, विश्राम और डिस्पोजेबल बेड कवर की व्यवस्था
- स्वच्छता व्यवस्था के लिए बारिश को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रबंध
- मुख्य स्थलों पर होर्डिंग, दिशानिर्देश और चिकित्सा केंद्रों की जानकारी
- QR कोड आधारित शिकायत और सुझाव तंत्र लागू किया जाएगा
ट्रैफिक, सड़कों और स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा भी हुई
बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि:
- कांवड़ पथ और मंदिर परिसरों की सड़कें सुचारु रहें
- ट्रैफिक कंट्रोल, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की व्यवस्था सुदृढ़ की जाए
- स्ट्रीट लाइट और मेडिकल सुविधा हर समय चालू स्थिति में रहें
- रविवार और सोमवार को बढ़ने वाली भीड़ को विशेष मॉनिटर किया जाए
