डाकघर घोटाला मामला : जांच प्रभावित करने को जांचकर्ताओं के महिला रिश्तेदारों पर की जा रही अमर्यादित टिप्पणी

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धनबाद : धनबाद के गोविन्दपुर स्थित केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर में सरकारी राशि की हुई हेराफेरी में घोटाले की राशि 1.80 करोड़ रुपये से बढ़कर नौ करोड़ 30 लाख रुपये तक पहुंच गई है. इतना ही नहीं इस हेराफेरी में शामिल घोटालेबाज जांच को प्रभावित करने के मकशद से जांच टीम में शामिल सदस्यों के परिवार पर कीचड़ उछालने की कोशिश कर रहे है. इसकी जानकारी गुरुवार को धनबाद प्रधान डाकघर के वरीय डाक अधीक्षक उत्तम कुमार सिंह ने एक प्रेस वार्ता कर दी.

शुरुआत में एक करोड़ 80 लाख रुपये की हेराफेरी की बात सामने आई थी

उन्होंने बताया कि इस हेराफेरी की राशि बढ़ती जा रही है. शुरुआत में एक करोड़ 80 लाख रुपये की हेराफेरी की बात सामने आई थी. जो अब तक कि जांच में इस घोटाले की राशि बढ़कर नौ करोड़ 30 लाख रुपये तक पहुंच गई है. उन्होंने बताया कि इस मामले में डाक विभाग ने कार्रवाई करते हुए 90 खातों को फ्रीज कर दिया गया है. जिसमे 70 डाकघर के खाते है. इसमें अधिकतर केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर के खाते शामिल है. वहीं अब तक इस मामले में 20 लाख रुपये की रिकवरी भी की गई है.

हेराफेरी में प्रभारी सहायक पोस्टमास्टर सुमित कुमार की संलिप्तता अहम

इस हेराफेरी में प्रभारी सहायक पोस्टमास्टर सुमित कुमार की संलिप्तता अहम बताई जा रही है, जबकि भारत प्रसाद, शंकर भाटिया और पारितोष लकड़ा सहित एक दर्जन लोग जांच के दायरे में है. वरीय डाक अधीक्षक ने बताया कि ये लोग जांच को प्रभावित करने उद्देश्य से अब जांच टीम में शामिल सदस्यों के घर की महिला सदस्यों के बारे में अमर्यादित अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे है, ताकि जांच को ज्यादा से ज्यादा प्रभावित किया जा सके.

प्रेस वार्ता के दौरान धनबाद प्रधान डाकघर के वरीय डाक अधीक्षक उत्तम कुमार सिंह ने बताया कि डाक विभाग के जीएल अकाउंट की राशि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से विभिन्न सरकारी व निजी बैंकों में खाता धारकों के अकाउंट में ट्रांसफर की गई है. जिसके बाद वहां से पैसों की निकासी की गई है. उन्होंने बताया कि इसके बदले में घोटालेबाजो द्वारा खाताधारकों को 20 प्रतिशत कमीशन देने का लालच दिया गया. उन्होंने आम खाता धारकों से अपील करते हुए कहा कि ऐसे किसी भी लालच में पड़ कर इस तरह के घोटाले का हिस्सा बनने से बचे.

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