पीएम नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश में सभी के लिए इलाज को अफोर्डेबल बनाना सरकार की प्राथमिकता है. भारत लगातार स्वास्थ्य देखभाल में विदेशी देशों पर न्यूनतम निर्भरता सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है. आत्मनिर्भर बनने के लिए हमारे उद्यमियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत को किसी भी तकनीक का आयात करने की जरूरत नहीं रहे.
‘स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान’ पर पोस्ट- बजट वेबिनार
पीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान’ पर पोस्ट- बजट वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस वर्ष की बजट प्राथमिकताएं भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र है. उन्होंने कहा- “हम निरंतर यह प्रयास कर रहे हैं कि भारत की विदेशों पर निर्भरता कम से कम हो.
आयुष्मान भारत के तहत सुविधा देने के पीछे यही सोच
पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देने के पीछे यही सोच है. आयुष्मान भारत के तहत पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज से देश के करोड़ों मरीजों के लगभग 80 हज़ार करोड़ रुपये बीमारी में उपचार के लिए खर्च होने वाले थे, वो बचे हैं.
जन औषधि केंद्र में बाजार भाव से बहुत सस्ती दवाएं
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां करीब 9 हजार जन औषधि केंद्र हैं और यहां बाजार भाव से बहुत सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं. इससे भी गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को लगभग 20 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है.
देश में अच्छे और आधुनिक हेल्थ इंफ़्रा का होना बहुत जरूरी
पीएम मोदी ने कहा कि देश में अच्छे और आधुनिक हेल्थ इंफ़्रा का होना बहुत जरूरी है. आज देश में डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तैयार हो रहे हैं. इन सेंटरों में डायबिटीज, कैंसर और हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग की सुविधा है.
कोविड ने पूरी दुनिया को एक सबक सिखाया
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड ने पूरी दुनिया को एक सबक सिखाया है कि जब भी ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो यह विकसित और समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं की नींव को हिलाता है और नष्ट कर देता है. दुनिया का ध्यान पहले से कहीं ज्यादा अब स्वास्थ्य देखभाल पर आया है, लेकिन भारत की अप्रोच सिर्फ स्वास्थ्य देखभाल तक ही सीमित नहीं बल्कि हम एक कदम आगे बढ़कर कल्याण के लिए काम कर रहे हैं.
उद्यमी सुनिश्चित करें अब आत्मनिर्भर बनना ही है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे उद्यमी यह सुनिश्चित करें कि हमें कोई भी तकनीक को आयात करने से बचना चाहिए, आत्मनिर्भर अब बनना ही है. उन्होंने कहा कि सर्वोत्तम परिणाम लाने के लिए उद्योग, शिक्षाविदों और सरकार के बीच उचित समन्वय और तालमेल होना चाहिए.
आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए दुनिया भर में मांग
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए दुनिया भर में मांग बढ़ी है. यह केवल इस क्षेत्र में भारत के महान प्रयासों के कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक केंद्र हमारे देश में स्थापित किया जा रहा है.
आयुर्वेद के, ‘साक्ष्य- आधारित अनुसंधान’ को मजबूत करें
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी हितधारकों से, विशेष रूप से आयुर्वेद के, ‘साक्ष्य- आधारित अनुसंधान’ को मजबूत करने के लिए आग्रह करता हूं. न केवल परिणामों के बारे में चर्चा, बल्कि परिणाम स्वयं भी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि चिकित्सा पर्यटन देश में एक बड़े क्षेत्र के रूप में उभरा है.