लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए एड़ी-चोटी को जोर लगा रहे पार्टी विधायक

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रांची : लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर भाजपा के सीटिंग विधायकों की चिंता बढ़ गयी है. विधायकों को समझ में नहीं आ रहा है कि वे करें तो क्या करें. भाजपा की सेंट्रल कमेटी के आलाधिकारियों का स्पष्ट निर्देश है कि वह हर हाल में अपने क्षेत्र के सांसद प्रत्याशी को लोकसभा चुनाव में जीत दिलाने के लिए मेहनत करें. सभी विधायक अपने-अपने चुनाव क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी को जीत दिलाएं. जनता को एकजुट करें.

इतना ही नहीं कहा गया है कि किसी भी हाल में यदि संबंधित विधानसभा क्षेत्र से कम पोलिंग होती है और सांसद हारता है तो आगामी विधानसभा चुनाव में संबंधित क्षेत्र के भाजपा विधायक को टिकट देना विचारणीय हो जायेगा. भाजपा के एक बड़े नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर यह बातें कहीं. उनका साफ कहना है भाजपा अनुशासित पार्टी है. यहां कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं की पूछ होती है और फांकीबाज नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. केन्द्रीय आलाकमान भाजपा में नकारा नेताओं को बर्दाश्त नहीं करता है. ऑफ द रिकॉर्ड भी भाजपा के सभी विधायकों को यह निर्देश सुना दिया गया है. इसके बाद से कई विधायक रेस हैं. वे लगातार क्षेत्र का दौरा कर जनसम्पर्क कार्य करने में जुटे हैं.

प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों ने अपने सभी विधायकों को नसीहत दे रखी है कि इस बार लोकसभा चुनाव में प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर काम करें. हर हाल में संबंधित क्षेत्र के सांसदों को जीत दिलाएं ताकि मोदी फिर से प्रधानमंत्री बन सकें. किसी भी हाल में कोताही बरतने पर संबंधित विधानसभा क्षेत्र के विधायकों को पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने पर भी आपत्ति जतायी जा सकती है.

राजनीतिक सूत्रों के अनुसार न सिर्फ भाजपा सत्ताधारी दल के विधायकों, बोर्ड अध्यक्ष और पार्टी के पदाधिकारियों को भी यह निर्देश उनके आलाकमान की तरफ से मिले हैं कि वे इस बार हर हाल में भाजपा कि तरह अपने पार्टी के प्रत्याशियों को दोबारा जीत दिलाने की दिशा में काम करें.

भाजपा विधायक महागठबंधन का चक्रव्यूह भेदने की तरफ अग्रसर

स्थानीय स्तर पर कई विधायक कश्मकश में हैं कि उनके क्षेत्र से इस बार विपक्ष की भूमिका में उनके गुरु तो कहीं अपने ही घर में मौजूद छोटे या बड़े भाई लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी बन बैठे हैं. ऐसे में कई तो समझ ही नहीं पा रहे हैं कि वह करें तो क्या करें. किसका समर्थन करें. चुनाव में पहले अमूमन देखा जाता रहा है कि संबंधित लोकसभा क्षेत्र से विपक्ष के कई प्रत्याशी चुनावी मैदान में डटे होते थे लेकिन इस बार राज्य से लेकर देश तक में स्थिति बदली है. आईएनडीआई गठबंधन ने एक-एक सीट पर जाल बिछा रखा है. भाजपा के लोस प्रत्याशियों को रोकने के लिये गठबंधन के कई दिग्गज नेता चुनावी मैदान में डटे हैं ताकि उन्हें मात दी जा सके.

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि ऐसा नहीं है कि विधायकों का टिकट कट जाएगा. क्योंकि, भाजपा सभी सीटें जीत रही है और इसका दायित्व भाजपा विधायकों के अलावा पार्टी के सभी पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं को मिली है. सभी प्रत्याशियों को जीत दिलाने की मुहिम में जुटे हैं ताकि नरेन्द्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन सकें.

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