Parasnath Bachao Andolan : जिले के मधुबन में मंगलवार को पारसनाथ बचाओ आंदोलन के बैनर तले मरांग बुरु धर्मक्षेत्र की रक्षा एवं अधिकार को लेकर आदिवासी-मूलवासियों की महाजुटान रैली हुई. रैली के मद्देनजर जिला एवं पुलिस प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये थे, जिसकी मॉनिटरिंग जिला मुख्यालय से की जा रही थी. रैली को देखते हुए मधुबन बाजार बंद रहा. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती थी.
रैली की अगुवाई स्थानीय आदिवासी नेता कर रहे थे
पारसनाथ बचाओ आंदोलन (Parasnath Bachao Andolan) के बैनर तले रैली की अगुवाई विभिन्न राजनैतिक दलों के स्थानीय आदिवासी नेता कर रहे थे. इनमें सालखन मूर्मु, लोबिन हेम्ब्रम, सिकंदर हेम्ब्रम, अर्जुन मंराडी और अरविन्द किस्कू प्रमुख रहे. रैली मधुबन फुटबॉल मैदान से निकल कर बाजार का भ्रमण करते हुए पर्वत मार्ग तक गयी. यहां केन्द्र सरकार और झारखंड सरकार का पुतला दहन किया गया. इस दौरान आदिवासी नेताओं ने आरोप लगाया कि दोनों सरकारें आदिवासियों की भावनाओं की उपेक्षा कर रही हैं.
आदिवासियों ने कहा- पारसनाथ क्षेत्र उनके आराध्य धर्मगुरु मरांग बुरु जाहेर स्थल
रैली में झारखंड समेत देश के कई भागों से आए आदिवासियों ने कहा कि पारसनाथ क्षेत्र उनके आराध्य धर्मगुरु मरांग बुरु जाहेर स्थल है. इसका उल्लेख सन 1956 के बिहार- हजारीबाग गजट में है. आदिवासी नेताओं ने कहा कि आदिवासियों का यह क्षेत्र पवित्र स्थल है. यहां फागुन माह की पहली तिथि को विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिसमें भारत, बांग्लादेश और भूटान समेत अन्य देशों से समाज के लोग भाग लेते हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग शिखरजी को अपना बताने पर आमादा हैं वह सही नहीं है. रैली में बड़ी संख्या में राज्य के विभिन्न इलाकों से आदिवासी समाज के लोगों का जुटान हुआ. इसमें कई गैर आदिवासी संगठनों के लोग भी शामिल हुए.