नामीबिया से लाए गए आठ चीतों में एक ओवान नाम का चीता बीते चार दिन से कूनो नेशनल पार्क से बाहर घूम रहा है. बुधवार सुबह उसने एक चिंकारा का शिकार किया. कूनो से निकलने के बाद उसी रात उसने गाय का शिकार किया था. इसके बाद से उसने किसी वन्य जीव का शिकार नहीं किया था. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चीता तब से ही भूखा था. फिलहाल ओवान की लोकेशन शिवपुरी के जंगल से सटे रहवाशी इलाके में मिली है.
ओवान अलग- अलग क्षेत्र में कर रहा विचरण
चीता ओवान शनिवार रात कूनो से निकलने के बाद सबसे पहले रविवार को विजयपुर इलाके के ग्राम झार-बड़ौदा, पार्वती-बड़ौदा और उसके आसपास टहलते देखा गया था. मंगलवार को वह दिनभर विजयपुर के अगरा इलाके के नहाड शिलपुरा इलाके में रहने के बाद शाम को अगरा वन रेंज के जंगल में वापस पहुंच गया. हालांकि, अभी भी वह कूनो के रिजर्व जोन में नहीं पहुंचा है.
ओवान ने बुधवार को एक चिंकारा का शिकार किया
वन विभाग के अनुसार चीता की लोकेशन शिवपुरी के जंगल से सटे हुए पोहरी इलाके के सुमेड बैचाई गांव से कुछ ही दूरी पर मिली है. बुधवार को उसने यहां एक चिंकारा का शिकार किया. वन विभाग की टीमें लगातार उस पर नजर बनाए हुए हैं. चीते की गर्दन में लगे रेडियो कॉलर से वनकर्मी हर घंटे उसकी लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसे किसी तरह की कोई तकलीफ तो नहीं है.
ओवन ने शनिवार- रविवार की रात गाय का शिकार किया था
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश वर्मा का कहना है कि चीता ओवन ने इसके पहले शनिवार- रविवार की रात झार-बड़ौदा गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर खेतों के पास एक गाय का शिकार किया था. गाय का शव इलाके के ग्रामीणों ने देखा. इसके बाद चीता आगे बढ़ता गया और बुधवार को पोहरी इलाके में पहुंचा, जहां उसने तीन दिन बाद चिंकारा का शिकार किया.
भूखे रहने से इंसानों को खतरा नहीं, चीते इंसानों को नहीं खाते
हालांकि उसके भूखे रहने से इंसानों को खतरा नहीं था, क्योंकि चीते इंसानों को नहीं खाते. विशेषज्ञ बताते हैं कि चीते हर 24 से 72 घंटे में एक ही बार भोजन करते हैं. हालांकि चीते के शिकार करने पर कूनो प्रबंधन ने राहत की सांस ली है. दूसरी ओर कूनो नेशनल पार्क में भी सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए गए हैं. शिकारियों से चीतों को बचाने के लिए ट्रेंड डॉग की तैनाती की गयी है.
बार- बार पानी वाली जगहों के आसपास देखा जा रहा था
डीएफओ वर्मा के अनुसार बीते तीन दिन से उसे बार- बार पानी वाली जगहों के आसपास देखा जा रहा था. क्योंकि इस समय कूनो और इसके आसपास करीब अधिकतम तापमान 33 डिग्री तक पहुंच रहा है, इसलिए ज्यादा समय तक भूख- प्यास ओवान की सेहत पर बुरा असर डाल सकती थी. उसे डिहाइड्रेशन या हीट स्ट्रोक का खतरा भी था. वहीं चिंकारा का शिकार करना वन अमले के लिए भी अच्छी खबर है. क्योंकि चीते की सेहत की जिम्मेदारी उन्हीं पर है, ऐसे में अगर वह भूखा रहता तो उसकी सेहत बिगड़ सकती थी.
रिहायशी इलाके में चीता देखे जाने से ग्रामीण डरे
कूनो के रिहायशी इलाके में लगातार चीता देखे जाने से इलाके के ग्रामीण डरे हुए हैं. कई लोगों ने तो खेतों की ओर जाना बंद कर दिया है. उनकी मांग है कि चीतों को कूनो सेंक्चुरी में ही रोका जाए. इसके इंतजाम प्रशासन शीघ्र करे ताकि वह सुरक्षित रह सकें. डीएफओ वर्मा ने कहा है कि ओवान चीते पर वन विभाग की लगातार नजर है. फिलहाल वह पूरी तरह से सुरक्षित है. उससे किसी भी इंसान को कोई खतरा नहीं है.