राष्ट्रीय बागवानी मिशन समेत कमर्शियल फॉर्मिंग, कृषि उद्योग आधारित व्यवसाय के प्रोत्साहन के लिए शिविर का आयोजन

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रांची : फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अहारी उप समिति द्वारा आज चैंबर भवन में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड योजना, कृषि विपणन अवसंरचना योजना, कृषि अवसंरचना निधि योजना, कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्रीय योजना और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना, कृषि उद्योग राज्य नीति, कृषि निर्यात राज्य नीति जागरूकता एवं कार्यान्वयन शिविर का आयोजन किया गया. चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुए इस कार्य्रक्रम में उन्होंने कहा कि चेंबर के राज्य के प्रगतिशील किसानों को आगे बढाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में कमर्शियल खेती, कृषि विपणन अवसंरचना व कृषि आधारित उद्योग को राज्य के प्रत्येक जिले के ग्रामीण स्तर तक में ले जाने के लिए चेंबर हरसंभव सहयोग करेगा तथा उद्यमियों के अपने उत्पाद के मार्केटिंग की भी सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी.

चैंबर भवन में दिन भर चले इस शिविर में चाइबासा, देवघर, कोडरमा, हजारीबाग, दुमका, गुमला, सिमडेगा से बडी संख्या में किसान और कृषि आधारित उद्योग से जुडे लोग शामिल हुए. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के राज्य प्रभारी अंजनी लकडा ने बताया कि इस योजना के तहत झारखण्ड में ग्रामीण स्तर पर खाद्य, कुटीर/लघु उद्योग की स्थापना कर लाखों लोगों के लिए रोजगार का सृजन किया जा सकता है. इस योजना के तहत 35 फीसदी अनुदान का प्रावधान है. अनुदान की अधिकतम सीमा 10 लाख रू0 है. इसके तहत अचार, पापड, बडी, चनाचूर, चिप्स, कुरकुरे, सत्तू, दाल, मसाला, तेल मील, दाल मिल, मुरी मील, पशु आहार, सोयाबीन पनीर, ड्राई प्याज एवं टमाटर पावडर, मिठाई निर्माण, चूडा निर्माण, इमली पावडर, इमली चटनी, चिरौंजी, कटहल, आम, टोमैटो जूस सॉस, मिल्क प्लांट आदि 150 से अधिक खाद्य आधारित उद्योग की स्थापना की जा सकती है. यह योजना बैंक सब्सिडी और इसी योजना में एग्री इन्फ्रा फंड के अंतर्गत उसमें ब्याज दर 9 फीसदी लगेगा तथा 3 फीसदी ब्याज दर पर अनुदान का प्रावधान है.

कृषि विपणन अवसंरचना योजना के राज्य प्रभारी सचिन कुणाल ने जानकारी दी कि राज्य के सभी जिला, प्रखंड एवं गांव में किसान व उद्यमी 50 से 5000 टन क्षमता के गोडाउन का निर्माण करा सकते हैं. इसके लिए शेड्यूल एरिया में 33.5 फीसदी और सामान्य क्षेत्र में 25 फीसदी अनुदान का प्रावधान है. योजना के तहत दाल मिल, तेल मिल, अनाज सफाई एवं ग्रीडींग इकाई, फल सब्जी ग्रीडिंग इकाई, राइस मिल, रेपनींग चेंबर एवं 100 से 1000 टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज का अनुदान पर योजना उपलब्ध है. इसमें प्लांट एवं मशीनरी पर 25 फीसदी तथा बिल्डिंग में 25 फीसदी अनुदान का प्रावधान है. योजना का लाभ उठाने के लिए निकटतम बैंक से संपर्क किया जा सकता है.

कृषि क्लिनिक व कृषि व्यवसाय केंद्रीय योजना की जानकारी नाबार्ड के एजीएम गुडिया कुमारी ने दी. बताया कि इस योजना के तहत कृषि स्नातक व कृषि डिप्लोमा होल्डर राज्य के प्रत्येक प्रखंड एवं गांव में एग्री क्लिनिक एवं एग्री उपादान केंद्र के व्यवसाय का केंद्र खोल सकते हैं. इसमें 20 लाख रू0 तक के प्रोजेक्ट रिपोर्ट में 36 से 44 फीसदी अनुदान का प्रावधान है. इस योजना के तहत 45 दिन का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है.

कृषि अवसंरचना निधि योजना के राज्य प्रभारी प्रभाषचंद्र दूबे ने बताया कि इस योजना के तहत कमर्शियल फार्मिंग, कृषि आधारित उद्योग एवं कृषि विपणन अवसंरचना के व्यवसाय पर बैंक लोन पर ब्याज का अनुदान 3 फीसदी है. इसके तहत अधिकतम ब्याज दर 9 फीसदी है और इसमें 3 फीसदी छूट के बाद सिर्फ 6 फीसदी इंट्रेस्ट पर लोन उपलब्ध होगा. इसके तहत कृषि संबंधित 150 से अधिक तरह का व्यापार किया जा सकता है.

यह भी बताया गया कि राज्य बागवानी योजना के अंतर्गत 5000 से 10 हजार टन के कोल्ड स्टोरेज बनाने के निर्माण पर सामान्य क्षेत्र में 35 फीसदी और शेडयूल एरिया में 50 फीसदी अनुदान का प्रावधान है. एनएचबी के द्वारा पैक हाउस, राइपनिंग चेंबर, रैपर पैक, प्रि कूलिंग यूनिट, कोल्ड रूम, एसी रिटेल आउटलेट के लिए सामान्य क्षेत्र में 35 और शेड्यूल एरिया में 50 फीसदी अनुदान का प्रावधान है. पॉली हाउस में कम से कम 2500 स्क्वॉयर मीटर क्षेत्र में फूल व सब्जी की खेती के प्रोजेक्ट पर 50 फीसदी अनुदान का प्रावधान है तथा 5 एकड से अधिक क्षेत्र में कमर्शिअल खेती करने पर सामान्य क्षेत्र में 40 तथा शेडयूल एरिया में 50 फीसदी अनुदान का प्रावधान है.

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