दिवंगत शिबू सोरेन के श्राद्ध का सातवां दिन, नेमरा में हेमन्त सोरेन ने निभाया पारंपरिक “सात कर्म”
रांची, 11 अगस्त : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिवंगत शिबू सोरेन के पारंपरिक श्राद्ध कर्म का आज सातवां दिन है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, जो दिवंगत नेता के पुत्र भी हैं, ने अपने परिवार के साथ सोमवार को “सात कर्म” का पारंपरिक विधान पूर्ण किया। यह अनुष्ठान पैतृक गांव नेमरा में विधिवत रूप से संपन्न हुआ, जहां ग्रामीणों और शुभचिंतकों ने भी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं कीं।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भावुक मन से पिता के प्रति अंतिम संस्कार से जुड़े इस महत्वपूर्ण संस्कार को निभाया। इस दौरान उन्होंने न केवल एक पुत्र के रूप में अपना कर्तव्य निभाया, बल्कि राज्य के मुखिया के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का भी निर्वहन जारी रखा। नेमरा गांव में रहकर भी वे लगातार प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं और राज्य के हित में निर्णय ले रहे हैं।
गौरतलब है कि शिबू सोरेन का जीवन आदिवासी अधिकारों और झारखंड की पहचान के लिए संघर्ष को समर्पित रहा। उनके निधन के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर फैल गई थी और हजारों लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे थे। श्राद्ध के सातवें दिन संपन्न हुआ यह “सात कर्म” न केवल एक धार्मिक परंपरा थी, बल्कि यह गुरुजी के जीवन, विचारों और संघर्षों को स्मरण करने का भी अवसर बना।
कार्यक्रम के दौरान वातावरण भावुक था। हेमन्त सोरेन ने ग्रामीणों और समर्थकों से पिता के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प दोहराया। नेमरा में इस अनुष्ठान के साथ गुरुजी के स्मरण का यह क्रम आगे भी जारी रहेगा, क्योंकि वे केवल एक नेता नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा और पहचान के प्रतीक माने जाते हैं।
