रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश के बाद राज्य की तीन सदस्यीय टीम ने मंगलवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ब्रह्मकमल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच निर्माणाधीन टनल में फंसे झारखंड के श्रमिकों से बातचीत की. टीम ने उत्तराखंड आपदा प्रबंधन से भी मामले की जानकारी ली है.
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन ने 40 श्रमिकों की सूची प्रतिनिधिमंडल और कंट्रोल रूम से साझा किया है, जिसमें झारखंड के कुल 15 श्रमिक शामिल हैं. इनमें से गिरिडीह के दो, खूंटी के तीन, रांची के तीन एवं पश्चिमी सिंहभूम के एक श्रमिक की पुष्टि उनके परिजनों से बातचीत कर हुई है.
सभी श्रमिक सुरक्षित
झारखंड के प्रतिनिधिमंडल के अनुसार, निर्माणाधीन सुरंग में फंसे झारखंड के सभी 15 श्रमिक सुरक्षित हैं.अधिकारियों एवं परिजनों ने श्रमिकों से पाइप के जरिए बात भी किया है और श्रमिकों ने अपने सुरक्षित होने की बात बताई है. प्रतिनिधियों ने गिरिडीह जिला के बिरनी प्रखंड गिरीडीह के विश्वजीत कुमार वर्मा एवं सुबोध कुमार वर्मा से बातचीत किया. सुरंग में फंसे श्रमिकों को पाइप के माध्यम से खाना और ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है. संभावना जताई गई है कि श्रमिकों रेस्क्यू करने में एक दिन का और समय लगेगा. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष सभी श्रमिकों के परिवार से संपर्क करने का प्रयास कर रही है.
तीन सदस्यीय टीम में जैप आईटी के सीईओ भुवनेश प्रताप सिंह, ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद एवं ज्वाइंट लेबर कमिश्नर प्रदीप रॉबर्ट लकड़ा शामिल हैं.
श्रमिकों के परिजन के लिए हेल्प लाइन नंबर
टोल फ्री नंबर-
1800-3456-526
वाट्सऐप नंबर
- 91 94701 32591
- 91 94313 36427
- 91 94313 36398
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- 91 94313 36432
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