ओडिशा दुर्घटना में केवल ‘एक गाड़ी बेपटरी हुई और तीन दुर्घटनागस्त’, जिम्मेदार कौन, अब तक पता नहीं

राष्ट्रीय

ओडिशा रेल दुर्घटना पर सरकार ने कहा कि केवल एक गाड़ी पटरी से उतरी थी और लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी और दूसरी दिशा से आने वाली गाड़ी उस दुर्घटना का शिकार बन गयीं हैं. दुर्घटना के हालांकि 21 घंटे बीत जाने के बाद भी सरकार कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के कारण के बारे में कुछ साफ बताने की स्थिति में नहीं है.

ढाई हजार से अधिक यात्रियों में से आधे से अधिक लोग हताहत

शुक्रवार शाम सात बजे बालासोर जिले के बहनगा बाज़ार रेलवे स्टेशन पर हुई इस दुर्घटना में दो यात्री गाड़ियों के ढाई हजार से अधिक यात्रियों में से आधे से अधिक लोग हताहत हुए हैं. आधिकारिक रूप से मृतकों की संख्या 261 और घायलों की संख्या एक हजार बतायी गयी है. स्थानीय सूत्रों के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.

अप लाइन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस को थ्रू सिग्नल था

सरकारी सूत्रों का कहना है कि बहनगा स्टेशन पर चेन्नई की दिशा से अप लाइन पर आ रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस को थ्रू यानी सिग्नल था और उसके पहले बहनगा स्टेशन पर एक मालगाड़ी आयी थी, जो अप लूप लाइन पर खड़ी थी. थ्रू सिग्नल होने के कारण कोरोमंडल अपनी पूरी गति यानी करीब 125 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली आ रही थी.

किसी स्थान’ पर बेपटरी हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस

तभी ‘किसी स्थान’ पर वह पटरी से उतर गयी. कोरोमंडल एक्सप्रेस के इंजन लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकराया तो 21 कोच पटरी से उतर गये जबकि तीन डिब्बे बगल की डाउन लाइन पर उसी समय निकल रही 12864 डाउन हावड़ा से यशवंतपुर जा रही दूरंतो एक्सप्रेस से जा टकराये और इस कारण दूरंतो एक्सप्रेस के आखिरी दो कोच बेपटरी हो गये.

एक गाड़ी बेपटरी हुई और दूरंतो एक्सप्रेस एवं मालगाड़ी शिकार बन गयीं

सरकारी सूत्रों का कहना है कि दुर्घटना में केवल एक गाड़ी यानी कोरोमंडल एक्सप्रेस बेपटरी हुई और दूसरी दिशा से आने वाली दूरंतो एक्सप्रेस एवं मालगाड़ी इस दुर्घटना का शिकार बन गयीं. सूत्रों के अनुसार कोरोमंडल एक्सप्रेस में आरक्षित यात्रियों की संख्या 1257 और दूरंतो में यह संख्या 1039 थी.

अनारक्षित कोचों में यात्रियों की संख्या का अंदाज़ा नहीं

अनारक्षित कोचों में यात्रियों की संख्या का अभी कोई अंदाज़ा नहीं है. एक सवाल के जवाब में हालांकि उन्होंने यह जरूर बताया कि दुर्घटनाग्रस्त कोचों में कम से कम तीन अनारक्षित कोच थे. इस प्रकार से हताहतों में बड़ी संख्या में अनारक्षित कोचों में यात्रा करने वाले यात्री होने की संभावना है.

पटरी की कैंची मेन लाइन की बजाय लूप लाइन पर ही लगी थी

उधर दुर्घटनास्थल पर राहत एवं बचाव अभियान से जुड़े सूत्रों के अनुसार बहनगा स्टेशन पर थ्रू सिग्नल दिये जाने के बावजूद पटरी की कैंची मेन लाइन की बजाय लूप लाइन पर ही लगी थी, जिससे पूरी रफ़्तार से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस तेजी से लूप लाइन पर आ गयी और जब तक लोकोपायलट कुछ समझ पाता, ट्रेन पूरी ताकत से मालगाड़ी से भिड़ गयी.

भिडंत इतनी जोरदार थी कि कोरोमंडल का इंजन मालगाड़ी के खाली वैगन पर चढ़ गया

तस्वीरों से पता चलता है कि भिडंत इतनी जोरदार थी कि कोरोमंडल का इंजन मालगाड़ी के खाली वैगन पर इस प्रकार से चढ़ गया जैसे उसे किसी खिलौने की तरह उठा कर मालगाड़ी पर रख दिया गया. स्थानीय सूत्रों के अनुसार इसमें मानवीय चूक या तकनीकी त्रुटि होने की संभावना अधिक लग रही है.

किसी भी बात का ना तो खंडन कर सकते हैं और न ही स्वीकार

सरकारी सूत्रों ने हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के कारणों के बारे में किसी भी बात का ना तो खंडन कर सकते हैं और न ही स्वीकार कर सकते हैं. यह विषय जांच का है. दुर्घटना बेहद जटिल है और रेल संरक्षा आयुक्त ने जांच शुरू कर दी है.

ट्रैक की मरम्मत का काम शुरू

सरकारी सूत्रों ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य पूरा हो गया है. अब ट्रैक की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। सबसे पहले डाउन लाइन पर देर रात तक यातायात शुरू होने की संभावना है. घायलों का इलाज सोरो, बालासोर, भद्रक और कटक के विभिन्न सरकारी एवं निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज चल रहा है.

श्रीमती जया सिन्हा ने प्रधानमंत्री को पूरी स्थिति की जानकारी दी

नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक आपात बैठक करके दुर्घटना की स्थिति का जायजा लिया. रेलवे बोर्ड के सदस्य परिचालन एवं व्यापार संवर्धन श्रीमती जया सिन्हा ने प्रधानमंत्री को पूरी स्थिति की जानकारी दी. बाद में श्री मोदी ने ओडिशा में बहनगा स्टेशन और कटक के अस्पताल का दौरा किया. इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी दुर्घटनास्थल का दौरा किया.

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