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October 2025 Vrat Tyohar List: दशहरा, धनतेरस, दीपावली, करवा चौथ कब है? देखिए अक्टूबर में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट

October 2025 Vrat Tyohar List : धार्मिक परंपराओं के लिहाज से अक्टूबर 2025 इस बार बेहद महत्वपूर्ण माह रहने वाला है। इस महीने दशहरा से लेकर दिवाली और करवा चौध से लेकर छठ महापर्व तक कई प्रमुख त्यौहार और व्रत पड़ रहे हैं। इसी महीने 1 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का समापन बी हो रहा है। इसके बाद असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरा मनाया जाएगा। इसके साथ ही पापांकुशा एकादशी , शरद पूर्णिमा और अहोई अष्टमी जैसे व्रत मनाए जाएंगे। आइए ऐसे में जानते हैं अक्टूबर में आने वाले व्रत त्योहारों कैन-कैन से हैं।

02 अक्टूबर 2025 – दशहरा

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। असत्य पर सत्य की विजय का यह पर्व शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों के बाद आता है। इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था सच्चाई का परचम लहराया था। इस बार यह त्योहार 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन शस्त्र पूजन और रावण दहन की परंपरा है।

02 अक्टूबर 2025- पापांकुशा एकादशी

सालभर में पड़ने वाली 24 एकादशियों में से आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन उपवास कर भगवान विष्णु की पूजा करने से अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है और मनुष्य के सभी पाप नष्ट होकर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार पापांकुशा एकादशी 02 अक्टूबर शाम 07.10 बजे से शुरू होकर 03 अक्टूबर को शाम 06.32 बजे तक रहेगी.

06 अक्टूबर 2025- शरद पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होकर अपनी किरणों में अमृत बरसाता है। इस रात चांदनी में रखा हुआ खीर ग्रहण करना विशेष लाभकारी माना जाता है। इस बार शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को मनाई जाएगी। कई स्थानों पर इसे कोजागिरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

10 अक्टूबर 2025- करवा चौथ

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती है। सुबह से निर्जला उपवास कर शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर सुहागिन पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत पूर्ण करती हैं। पंचांग के अनुसार, इस बार करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर रखा जाएगा।

13 अक्टूबर 2025 – अहोई अष्टमी
अहोई अष्टमी का व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है। बताएं संतान की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन सूर्योदय से उपवास शुरू होता है और रात में तारों को देखकर व्रत खोला जाता है। इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। मान्यता है कि इस व्रत से निसंतान महिलाओं को संतान सुख प्राप्त होता है।

17 अक्टूबर 2025 – रमा एकादशी/गोवत्स द्वादशी

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहते हैं। इस दिन उपवास रख भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन में दरिद्रता दूर होती है और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, 17 अक्टूबर को यह व्रत रखा जाएगा। इस दिन गोवत्स द्वादशी भी पड़ रही है। महिलाएं इस दिन उपवास रखकर गौ पूजन करती हैं और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

18 अक्टूबर 2025 – धनतेरस/यम प्रीत्यर्थ दीपदान

हिंदू धर्म में धन त्रयोदशी या धनतेरस का खास महत्व है। इस दिन को पांच दिनों तक चलने वाले दीपावली उत्सव के पहले दिन के तौर पर माना जाता है। हर साल यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा होती है। इस साल 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा. धनतेरस की शाम को दीपदान करने की परंपरा है। इसे यम दीपदान भी कहा जाता है।

19 अक्टूबर 2025-हनुमान जयंती

कार्तिक मास की चतुर्दशी को कई स्थानों पर हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस तिथि को व्रत और हनुमान जी की पूजा करने से जीवन से भय और संकट दूर होते हैं। श्रीरामचरितमानस, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इस बार 19 अक्टूबर को हनुमान जयंती मनाई जाएगी।

20 अक्टूबर 2025 – नरक चतुर्दशी

नरक चतुर्दशी को ‘छोटी दिवाली’ के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी पड़ती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसलिए इसे नरक चतुर्दशी कहा जाता है। इस बार सोमवार 20 अक्टूबर को यह त्योहार मनाया जाएगा।

20 अक्तूबर 205-दीपावली

कार्तिक मास की अमावस्या को बड़ी ही धूमधाम के साथ अंधकार पर प्रकाश की जीत का त्योंहार दीपावली मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम और माता सीता के अयोध्या लौटने पर दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। यही परंपरा आज तक चली आ रही है। इस साल दिवाली का त्योहार 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. यह दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है।

21 अक्टूबर 2025- कार्तिक अमावस्या

कार्तिक अमावस्या का दिन अत्यंत पवित्र माना गया है। यह तिथि दीपावली के साथ ही आती है और इस दिन पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और दीपदान करना अत्यंत शुभ होता है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्य मनुष्य के पापों का नाश करते हैं और उसे पुण्य फल की प्राप्ति कराते हैं। इस साल 21 अक्टूबर को यह पर्व मनाया जाएगा।

22 अक्टूबर 2025 – अन्नकूट व गोवर्धन पूजा

हर साल कार्तिक माह की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है। यह दिन भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्रदेव का अभिमान तोड़कर ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर धारण किया था। इस दिन कई तरह के भोजन बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित किया जाता।

23 अक्टूबर 2025 – भाई दूज (यम द्वितीया)

भाई दूज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। यह दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का अंतिम दिन होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना जी से मिलने आए थे, तभी से यह परंपरा चली आ रही है।

27 अक्टूबर 2025 – छठ महापर्व

छठ महापर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। यह पर्व विशेषकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अत्यधिक श्रद्धा से मनाया जाता है। छठ व्रत में महिलाएं और पुरुष निराहार व्रत रखकर अस्ताचल और उदयाचल सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। मान्यता है कि सूर्य की उपासना से संतान सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। छठ पूजा चार दिनों तक चलता है।

31 अक्टूबर 2025 – अक्षय कूष्माण्ड नवमी

कार्तिक मास की शुक्ल नवमी को अक्षय कूष्माण्ड नवमी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता कूष्माण्डा की पूजा करने से अक्षय पुण्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन महिलाएं संतान की दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। इस दिन व्रत और दान करने से जीवन में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती।

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