झारखंड में बिजली और खनन में 50 हजार करोड़ का निवेश कर चुका है एनटीपीसी : अनिमेष जैन

राँची

रांची : एनटीपीसी कोयला खनन मुख्यालय के सीइओ अनिमेष जैन ने कहा कि राज्य में एनटीपीसी बिजली और कोयला खनन के क्षेत्र में 50 हजार करोड़ से अधिक का निवेश कर चुका है. उन्होंने बताया कि एनटीपीसी कोयला खनन अब एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड के नाम से जाना जाता है, जो एनटीपीसी की स्वामित्व वाली कंपनी है. अनिमेष जैन एनटीपीसी मुख्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.

एनएमएल द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में झारखंड, ओडिशा व छत्तीसगढ़ की कोयला खदानों से रिकॉर्ड 34.39 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कोयले का उत्पादन किया गया है. इसमें 34:15 मिलियन मीट्रिक टन का डिस्पैच किया गया है. इसकी आपूर्ति एनटीपीसी के विभिन्न पावर प्लांटों में की गयी है. उन्होंने बताया कि झारखंड स्थित पकरी बरवाडीह कोयला खदान से 16.31 मिलियन मीट्रिक टन, चट्टी बरियातू कोयला खदान से 3.30 मिलियन मीट्रिक टन व केरेडारी कोयला खदान से 0.24 मिलियन मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ है.

उन्होंने बताया कि एनटीपीसी कोयला खनन ने क्रमशः 1.8 एलएमटी और 1.29 एलएमटी का एक दिन का सबसे अधिक कोयला उत्पादन और प्रेषण हासिल किया. कोयला उत्पादन केरेनदारी कोयला खनन परियोजना से शुरू हो गया है, जो एनटीपीसी की पांचवीं कैप्टिव खान है. एनटीपीसी की सभी पांच प्रचालनात्मक कोयला खदानों ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है और उनसे अधिक कार्य कर लिया है तथा भविष्य में नए मानक स्थापित करने के लिए कमर कस ली है. उन्होंने बताया कि दुलंगा कोयला खनन परियोजना ने कोयला मंत्रालय, भारत सरकार से पांच स्टार रेटिंग हासिल की है और यह पिछले तीन वर्षों से देश की शीर्ष तीन खानों में से एक है.

एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड (एनएमएल), एनटीपीसी लि के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी को कोयला मंत्रालय द्वारा एनटीपीसी को पहले आबंटित छह कोयला खानों के लिए संशोधित आबंटन करार प्राप्त हुए हैं. एनएमएल ने कोयला मंत्रालय द्वारा आयोजित कोयला ब्लॉक नीलामी के तहत झारखंड राज्य में उत्तरी धाडू (पूर्व) कोयला ब्लॉक भी जीता है. इसके अलावा, एनएमएल को सीआरआईएसआईएल और केयर से एएए की क्रेडिट रेटिंग मिली है. उन्होंने बताया कि आज की तारीख तक, एनटीपीसी ने उत्पादन की शुरुआत से अपनी पांच प्रचालनात्मक कैप्टिव कोयला खानों (अर्थात झारखंड में पकरी बरवाडीह और चट्ट-बरियातू और केरेनदारी कोयला खदानों, ओडिशा में दुलंगा कोयला खान और छत्तीसगढ़ में तलाईपल्ली कोयला खान) से लगभग 103 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कोयले का उत्पादन किया है.

उन्होंने बताया कि एनएमएल एनटीपीसी थर्मल उत्पादन का 13 प्रतिशत ईंधन भर रहा है, जिससे ऊर्जा आत्मनिर्भरता में योगदान दे रहा है और प्रति वर्ष 100 मिलियन टन की क्षमता तक पहुंचने की कल्पना करता है. कोयला उत्पादन और प्रेषण में एनएमएल की उल्लेखनीय वृद्धि परिचालन उत्कृष्टता के प्रति समर्पण और भारत की ऊर्जा मांगों को पूरा करने में इसके योगदान का एक वसीयतनामा है. कंपनी अपने प्रदर्शन को और बढ़ाने और देश के ऊर्जा लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए नवीन तकनीकों और सुरक्षा प्रथाओं को लागू करना जारी रखेगी.

मौके पर नवीन गुप्ता, रजनीश रस्तोगी, नवीन जैन, शिव प्रसाद, के चंद्रशेखर, नीरज जलोटा, अनिमेष जैन और अमित बेहरा उपस्थित थे.

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