मॉस्को/नयी दिल्ली : रूस ने करीब आधी सदी बाद फिर चंद्र मिशन शुरू किया है. रूस ने आज सुबह 1976 के बाद पहली बार सोयुज-2 रॉकेट की मदद से लूना-25 मून लैंडर को लॉन्च किया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस पर रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस को बधाई दी है.
इसरो ने कहा- हमारी एक और मिलन बिंदु होना अद्भुत
मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक इसरो ने कहा है हमारी (भारत-रूस) अंतरिक्ष यात्राओं में एक और मिलन बिंदु होना अद्भुत है. भारत के चंद्रयान-3 और रूस के लूना-25 मिशन को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए शुभकामनाएं. रिपोर्ट्स के अनुसार रूस का लूना-25 लैंडर चंद्रयान-3 की तरह 23 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड करेगा.
लून-25 लैंडर को सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर लॉन्च किया गया
लून-25 लैंडर को राजधानी मॉस्को से 5550 किलोमीटर पूर्व में स्थित वोस्तोचनी कोस्मोड्रोम से स्थानीय समयानुसार, सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर लॉन्च किया गया. रूस के लूना-25 मिशन का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर ऑक्सीजन की खोज और आंतरिक संरचना पर अनुसंधान करना है, जबकि भारत के चंद्रयान-3 का लक्ष्य चांद की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग करना है.
लैंडर में कई कैमरे इंस्टाल, टाइमलैप्स फुटेज और अद्भुत तस्वीरें खींचेगा
लूना-25 लैंडर में कई कैमरे इंस्टाल हैं. ये कैमरे लैंडिंग की टाइमलैप्स फुटेज और अद्भुत तस्वीरें खींचेगा. चंद्रयान-3 और लूना-25 की लैंडिंग अलग- अलग जगह पर होगी. दोनों एक- दूसरे से नहीं टकराएंगे. रोस्कोस्मोस का कहना है कि चांद पर सभी के लिए पर्याप्त जगह है. लूना- 25 लैंडर चांद पर करीब एक साल तक काम करेगा, जबकि चंद्रयान- 3 केवल दो हफ्ते तक ही काम करने के लिए डिजाइन किया गया है.