पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को जल जीवन हरियाली दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि मैं सुशील मोदी की बहुत इज्जत करता हूं. अगर वे साथ रहते तो यह नौबत ही नहीं आती. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पटना आगमन से संबंधित पत्रकारों के प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री कहा कि हर पार्टी को घूमने का अधिकार है. वे अपनी पार्टी की ओर से यहां आए हैं, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है. हमारी यात्रा की भी शुरुआत हो रही है. हम कल रात में ही चाहते हैं कि पहुंच जाएं ताकि पूरा दिन ठीक से लोगों से मिल सकें और वहां के विकास कार्यों की भी जानकारी ले सकें.
विपक्ष के सभी दलों को एकजुट करने का प्रयास होगा
नये साल में विपक्ष को एकजुट करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों के साथ हमारी बातचीत हो रही है. विपक्ष के सभी दलों को एकजुट करने का प्रयास होगा. कांग्रेस पार्टी के भारत जोड़ो यात्रा के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनकी पार्टी का कार्यक्रम है. हर पार्टी को यात्रा करने का अधिकार है. जब वे अपनी पार्टी का कार्यक्रम कर लेंगे तब हम उनलोगों के साथ बैठकर कैसे तालमेल होगा, यह सब तय करेंगे.
इससे पहले आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में सभी पार्टियों के विधायकों एवं विधान पार्षदों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर बैठक किया और जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की गई. इसमें हमलोगों ने 11 अवयव निर्धारित किये हैं. जो काम किए जा रहे हैं उसका समय पर मेंटेनेंस भी होना चाहिए. महीने के पहले मंगलवार को इस कार्यक्रम को करना है.
सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर, तालाब का हो रहा जीर्णोद्धार
मुख्यमंत्री ने कहा कि 18,259 सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर, तालाब इत्यादि को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर, तालाब इत्यादि का जीर्णोद्धार भी कराया जा रहा है. हमलोगों ने तय किया था कि तीन साल में इस अभियान को पूरा कर लेंगे लेकिन कोरोना के आने से इसका काम प्रभावित हुआ इसलिए इसको दो साल के लिए और आगे बढ़ाया गया है.
छत वर्षा का जल संचयन का काम कराएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी भवनों में छत वर्षा जल संचयन का निर्माण हुआ है. निजी भवनों को भी सुझाव दीजिए कि छत वर्षा जल संचयन का काम कराएं. इससे भू-जल स्तर ठीक रहेगा. जल संरक्षित रहेगा और हरियाली रहेगा. तभी जीवन सुरक्षित रहेगा. उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जा रहा है. बिहार से झारखंड अलग होने के बाद बिहार में हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत था. 24 करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें वर्ष 2019 तक 22 करोड़ पौधारोपण करा लिया गया था. अब हरित आवरण क्षेत्र 15 प्रतिशत हो चुका है. इसको 17 प्रतिशत से भी आगे ले जाना है.
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से आग्रह किया कि जितना काम किया जा रहा है, उसके बारे में बताएं. लोगों को इस अभियान के मकसद के बारे में बताएं. जो काम बाकी हैं, उसके बारे में बताएं. ठीक ढंग से इसे प्रचारित करें. नए वर्ष में आप सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं. आपलोग आगे बढ़ें. राज्य और देश को आगे बढ़ाने के लिए काम करें.